उल्हासनगर विधानसभा सीट: भाजपा से ओमी कालाणी को टिकट दिया जाना आत्मघाती
उल्हासनगर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की तरफ से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद पवार गुट के नेता ओमी कालाणी को टिकट दिए जाने की अफवाहें जोर शोर से है। चुनावी माहौल है और चुनावी अटकलों का बाजार भी गर्म है।
लेकिन भाजपा की तरफ से उल्हासनगर विधानसभा सीट से अगर ओमी कालाणी को टिकट दिया गया तो निश्चित तौर पर यह निर्णय भाजपा के लिए आत्मघाती साबित होगा।
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ज्ञात हो कि उल्हासनगर विधानसभा सीट से लगातार पिछले दो सत्र से कुमार आयलानी भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ कर जीत रहे है। और इस बार भी उल्हासनगर विधानसभा सीट से कुमार आयलानी का नाम भाजपा की तरफ से सबसे आगे आ रहा है।
ऐसे में भाजपा के आंतरिक गुटबाजी में विरोधी गुट द्वारा जानबूझ कर ओमी कालाणी को भाजपा की तरफ से टिकट दिए जाने की अफवाह जोरशोर से चलाई जा रही है।
ज्ञात हो कि भाजपा के ठाणे जिले के कुछ वरिष्ठ नेताओ को कुमार आयलानी शुरुवात से ही खटकते रहे है। और कुमार आयलानी को परेशानी में डालने का प्रयास लगातार होता रहा है।
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अभी कुछ वर्ष पहले ही बिना कुमार आयलानी के सहमति के उल्हासनगर महानगरपालिका चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों का टिकट बटवारा और ओमी कालाणी को भाजपा में लेकर उसी के समर्थक को महापौर की कुर्सी पर बिठा दिया गया था।
और महापौर का कार्यकाल खत्म होने के कुछ समय बाद ओमी कालाणी ने भाजपा को राम राम कह कर राष्ट्रवादी शरद पवार गुट में शामिल हो गए।
सूत्र लोकसभा चुनाव में महायुति के उम्मीदवार श्रीकांत शिंदे के लिए, बिना स्थानीय भाजपा विधायक कुमार आयलानी के सहमती से सरेआम विरोधी राष्ट्रवादी शरद पवार गुट के पप्पू कालाणी से समर्थन मांगने के निर्णय पर भी स्थानीय भाजपाई ने जमकर विरोध दर्शाया था।
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उस दौरान भी अनेक भाजपाइयों ने ठाणे जिले के कुछ स्वार्थी नेताओं द्वारा उल्हासनगर से भाजपा संगठन को खत्म करने की साजिश माना था।
अब फिर उल्हासनगर विधानसभा क्षेत्र से गैर भाजपाई पृष्ठभूमि के ओमी कालाणी को टिकट दिए जाने से स्थानीय भाजपा संगठन के नेताओं में तीव्र रोष व्याप्त है