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मार्च एंडिंग का भय दिखा कर “गब्बर स्टाइल” में बिल वसूल रहा महावितरण

महाराष्ट्र राज्य विधुत महावितरण कम्पनी द्वारा ग्राहकों से मनमानी वसूली करने की शिकायते लगातार आती रहती है.अब मार्च खत्म होने के पहले अपने वसूली टारगेट पूरा करने के लिए महावितरण अधिकारीयो ने गब्बर स्टाइल अपना लिया.जिसमे दो से चार महावितरण कर्मचारी क्षेत्र के ग्राहकों के पास जाकार अतिम तिथि के पहले अपने बकाया बिल भरने की चेतावनी दे रहे है,अन्यथा विधुत आपूर्ति काट देने की चेतावनी दे रहे है.इसके साथ बिल भरने की अंतिम तारीख भी महावितरण द्वारा हमेशा बदले जाने से उपभोक्ताओं को अनेक तरह की परेशानी उठानी पड रही है.

इस बावत टाटा पॉवर स्थित माहावितरण कार्यालय में कनिष्ठ अभियंता बोवडे से पूछताछ करने पर उन्होंने बिल भरने की तारीखों में बदलाव की बात स्वीकारते हुए इसके लिए राज्य सरकार और महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डेवलपमेंट कारपोरेशन (MSEDC) को जिम्मेदार ठहराया है.उनके अनुसार बिल बसूली की तारीख में निरंतर बदलाव की मंजूरी का प्रस्ताव राज्य सरकार और महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डेवलपमेंट कारपोरेशन में मंजूर हुआ है. महावितरण के मनमाने निर्णय से ग्राहकों को अनेक तरह की समस्याओं का सामना करना पड रहा है.पहले जहा ग्राहकों को महीने के २५ और २८ तारीख को बिल भरने की अंतिम तारीख दी जाती थी.महावितरण ने मनमाना रुख अपनाते हुए इन तारीख को बदल कर दस दिन पाहिले यानी १४ और १८ कर दिया है.

इसके साथ मार्च ख़त्म होने के पहले अपने बिल वसूली का टारगेट पूरा करने के लिए महावितरण पूरा गब्बर स्टाइल अख्तियार कर लिया है.इनके लोग अब उपभोक्ताओं के पास बिल वसूली करने नही जा रहे बल्कि महावितरण के ग्राहकों को घर घर जाकर मार्च महीने का बिल समय से भरने के लिए चेताने जा रहे है.यह शिकायन कल्याण पूर्व,नेतिवाली महावितरण कार्यालय और ऍमआईडीसी के महावितरण के कार्यालय क्षेत्र में आने वाले उपभोक्ताओं की ज्यादा है.

महावितरण द्वारा मनमानी बिल वसूली,ग्राहकों से १०० यूनिट पर अलग,१०१ यूनिट का अलग,२०१ यूनिट का अलग रेट वसूलने का मनमाना कानून बना दिया गया है इसके साथ महावितरण विधुत चोरी रोकने में तो पूरी तरह नाकाम साबित हुई है लेकिन प्रत्येक ट्रांसफार्मर पर होने वाली विधुत चोरी के पैसे की वसूली उस क्षेत्र के इमानदार उपभोक्ताओं से जबरन वसूलती है.

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