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भाषाई विवाद चरम पर, डोंबिवली में दो हिंदी भाषी महिलाओं को पुरुषों ने पीटा

विधानसभा चुनाव के बाद से ही मुख्य रूप से मुंबई वह इसके उपनगरों में भाषाई विवाद का मामला निरंतर सामने आ रहा है और इस मामले में अज्ञात कारणों से राज्य की भारतीय जनता पार्टी महायुति गठबंधन सरकार न सिर्फ मौन धारण कर रखी है बल्कि समय-समय पर इस मामले में एकतरफा रुख अपना रही है।

महाराष्ट्र में गत वर्ष नवंबर में संपन्न विधानसभा चुनाव के बाद से भाषाई विवाद का मामला सामने आ रहा है। इस दौरान कल्याण पश्चिम की घटना के साथ मुंबई के अन्य उपनगरों में हिंदी और मराठी भाषियों में भाषा को लेकर विवाद और मारपीट के अनेक मामले सामने आए हैं।

राज्य सरकार भी यह जानती है कि यह सब मामले को तूल देने में देश विरोधी ताकतों के साथ विरोधी दलों के लिए कार्यरत मीडिया हाउस और उनके समर्थक पत्रकार ही दोषी है। लेकिन वोट बैंक के राजनीति के कारण राज्य की महायुति गठबंधन सरकार भी हिंदी भाषीयो को ही अपना टारगेट बना रही है

राज्य सरकार की इस दोगली नीति के कारण यहां रह रहे हिंदी भाषियों में तीव्र नाराजी देखी जा सकती है। जबकि इस मामले में यहां कार्यरत हिंदी भाषी संगठन भी निसहाय से दिख रहे हैं।

कल्याण पश्चिम की घटना से इसकी सच्चाई समझी जा सकती है जहां एक इमारत में रह रहे पड़ोसियों के विवाद को हिंदी और मराठी भाषियों का विवाद दिखाकर मीडिया में जमकर उछाला गया। इस मामले को शुरुआती दौर में तूल देने वाले पत्रकारों की जांच हो तो सच्चाई पता चल सकती है।

क्योंकि कल्याण पश्चिम वाले मामले में विवाद भले ही एक हिंदी भाषी परिवार और एक मराठी भाषा परिवार में हुआ था लेकिन मराठी परिवार से मारपीट करने वाले अनेक मराठी भाषी आरोपी ही थे। लेकिन मामले को सोची समझी राजनीति के तहत हिंदी भाषी बनाम मराठी भाषी बना दिया गया और उसके बाद से मुंबई व इसके ऊपनगरों में भाषाई विवाद चरम पर है।

ताजा मामला ठाणे जिले के डोंबिवली से सामने आया है, जहाँ अंग्रेजी में “एक्सक्यूज मी” कहने पर दो हिंदी भाषी महिलाओं को मराठी भाषी पुरुषों के साथ महिलाओं द्वारा बुरी तरह पीटा गया।

यह घटना डोंबिवली की गणेश श्रद्धा बिल्डिंग में हुई हैं । जहाँ पूनम अंकित गुप्ता और उनकी बहन गीता सोमवार 7 अप्रैल की रात लगभग 9:30 बजे अपने वाहन से घर लौट रही थीं। जैसे ही वे इमारत के बाहर पहुँचीं, उन्होंने देखा कि अनिल पवार और उनकी पत्नी सड़क पर खड़े होकर बातचीत कर रहे थे। रास्ता देने के लिए पूनम ने अंग्रेजी में “एक्सक्यूज मी” कहा, जिस पर आरोपी दंपति ने नाराज़ होकर उन्हें मराठी में बोलने के लिए कहा और तुरंत दोनों बहनों पर हमला कर दिया।

हमले में पूनम की नाक पर गंभीर चोट आई। इसके बाद, पवार के रिश्तेदार बाबासाहेब ढाबले, उनके बेटे रितेश और अन्य चार-पांच महिलाएं और तीन युवक भी शामिल हो गए और दोनों बहनों की मिलकर पिटाई की। बताया जा रहा है कि घटना के समय शिकायतकर्ता के साथ एक बच्चा भी था, लेकिन हमलावरों ने उसकी भी परवाह नहीं की।

इस मामले में विष्णुनगर पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 115(2), 352 और 324(4) के तहत शिकायत दर्ज की गई है। पुलिस ने इसे असंज्ञेय अपराध मानते हुए आगे की जांच शुरू कर दी है।