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कल्याण पूर्व और पश्चिम विधानसभा सीट से जाने, राज्य में भाजपा शिवसेना गठबंधन या हठबंधन ?

राज्य विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना में युति तो हो गई है लेकिन राज्य भर में ऐसे अनेक सीट है जहां से दोनों दलों के घोषित उम्मीदवारों के विरुद्ध इन्ही सहयोगी दलों ने अपने तरफ से निर्दलीय उम्मीदवार मैदान उतारे हैं जिससे युति के उम्मीदवारों के लिए विरोधी दलों के उम्मीदवारों के साथ अपने सहयोगी दलों के उम्मीदवारों से बराबर की चुनौती मिल रही है जबकि इस मामले में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना दोनों दलों के प्रदेश नेतृत्व ने मौन साध रखा है

हम बात कर है इन्ही में से कुछ सीटो की, कल्याण पूर्व और पश्चिम विधान सभा सीट,

इन दोनों ही सीट पर युति के अधिकृत उम्मीदवार के साथ सहयोगी दल के भी उम्मीदवार निर्दलीय चुनाव मैदान में है. पहले हम बात करते है कल्याण पश्चिम की,यहाँ से पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नरेन्द्र पवार ने जीत दर्ज की थी. लेकिन स्थानीय स्तर के विरोध को दिखाकर शिवसेना ने जबरन यह सीट भाजपा प्रदेश नेतृत्व से अपने झोली में डलवा ली. जिसके विरुद्ध पिछले विधानसभा सत्र में विधायक रहे नरेंद्र पवार ने बगावत कर दी है और उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में इसी सीट से अपना आवेदन भरा है

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कल्याण पूर्व  की सीट से निर्दलीय के रूप में जीत करने वाले और फिर भारतीय जनता पार्टी में प्रवेश करने वाले गणपत गायकवाड को भाजपा ने द्वारा उम्मीदवारी दी है, लेकिन यहां से ही उल्हासनगर की राजनीति में अच्छी पकड़ रखने वाले धनजय बोडारे (पूर्व उपमहापौर, पूर्व शिवसेना उल्हासनगर शहर प्रमुख) ने निर्दलीय के रूप में आवेदन किया है शिवसेना पृष्ठभूमि के धनंजय वोडारे की शिवसेना में अच्छी पकड़ है और सूत्र बताते हैं वे यहाँ से मातोश्री के प्रमुख दरबारियों में एक हैं

शिवसैनिक धनंजय बोराडे का आवेदन भरने के पीछे का तर्क यह है कि कल्याण पूर्व सीट कभी भाजपा की थी ही नहीं, यहां से निर्दलीय के रूप में गणपत गायकवाड ने जीत दर्ज की थी ऐसे में भाजपा द्वारा यहां के सीट पर अपना हक जताना सरासर गलत है और उनके अनुसार इस चुनाव में कल्याण की जनता किसके साथ है ये आम लोग देख लेंगे.

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जबकि कल्याण पश्चिम से निर्दलीय उम्मीदवार का आवेदन देने वाले नरेंद्र पवार के अनुसार उन्हें आवेदन वापसी के लिए राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का भी फोन आया था और उन्होंने उम्मीदवारी वापसी की भी तैयारी कर ली थी लेकिन कल्याण पूर्व से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में गणपत गायकवाड के विरुद्ध में शिवसेना के निर्दलीय उम्मीदवार बोडारे ने अपने नामांकन वापसी की स्वीकृति नहीं दी, इसीलिए मैंने भी अपना नामांकन वापस नहीं लिया.

पवार के अनुसार भाजपा के एक निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में जो भी किया वह किया इन सबके बावजूद पार्टी को अगर उन्हें लगेगा कि मैंने कोई पार्टी विरोधी कार्रवाई की है तो पार्टी जो भी उनके विरुद्ध एक्शन लेगी उन्हें मंजूर होगा इन परिस्थितियों में राज्य भर में यह साफ दिखने लगा है, कि दिखाने के लिए भले ही भाजपा शिवसेना में राज्य स्तरीय गठबंधन हुआ है लेकिन दोनों दल अपने अपने हिसाब से राजनीतिक दांव पेच खेलने से बाज नहीं आ रहे हैं

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