TOP STORIES

कल्याण लोकसभा : चुनावी घमासान : उद्धव की सेना आगे, शिंदे की सेना का चक्का जाम

कल्याण लोकसभा चुनाव के मतदान की तारीख के लिए एक महीने का भी समय नहीं बचा है। इस दौरान जहां शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट की उम्मीदवार वैशाली दरेकर का प्रचार ने जोड़ पकड़ लिया है।

वही राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना के उम्मीदवार डा. श्रीकांत शिंदे का प्रचार अभियान आपसी तालमेल के अभाव में थम सा गया लगता है।

राज्य में महायूति के उम्मीदवारों के नाम की घोषणा में देरी से भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना शिंदे गुट, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अजीत पवार गुट इन तीनों पार्टियों के उम्मीदवारों को अपने प्रचार अभियान के शुरुआत करने में देरी हुई है।

कुछ ऐसा ही हाल राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पुत्र डा. एकनाथ शिंदे के संसदीय क्षेत्र कल्याण के लिए भी हुआ और अभी तक शिवसेना शिंदे गुट की तरफ से कल्याण लोकसभा सीट के लिए नाम की घोषणा अधिकृत रूप से नहीं की गई है।

हालांकि हफ्ता भर पहले राज्य के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने यहां से डॉक्टर श्रीकांत शिंदे के उम्मीदवार होने की अनौपचारिक रूप से घोषणा कर दी है और पूरे कल्याण लोकसभा क्षेत्र में डॉक्टर शिंदे ने प्रचार भी शुरू कर दिया है।

ज्ञात हो कि शिवसेना उद्धव ठाकरे ग्रुप के उम्मीदवार वैशाली दरेकर के नाम की घोषणा पहले हुई और उनका प्रचार अभियान जोर शोर से जारी है। इसके साथ उन्हें लोकसभा का चुनाव लड़कर एक लाख से अधिक प्राप्त करने का पुराना अनुभव भी है।

उन्हें क्षेत्र के कट्टर शिवसैनिको का भरपूर समर्थन मिल रहा है। क्योंकि जो शिवसैनिक ठाकरे परिवार से सहानुभूति रखते हैं और जो यह मानते हैं कि शिवसेना तोड़कर एकनाथ शिंदे ने गलत किया है उन सभी शिव सैनिकों का खुला समर्थन वैशाली दरेकर को मिल रहा है।

महिला प्रत्याशी दरेकर को कुछ ऐसा ही समर्थन राकपा सुप्रीमो रहे शरद पवार से सहानुभूति रखने वाले मतदाताओं से भी मिल रहा है और यहां के कांग्रेसी खुलकर वैशाली दरेकर का प्रचार प्रसार कर रहे हैं।

लेकिन शिवसेना शिंदे गुट के उम्मीदवार डा. शिंदे के साथ परिस्थितियों पुरानी जैसी नहीं रह गई है। पार्टी सूत्र ही बताते हैं कि पार्टी प्रचार अभियान कुछ नव-सीखिए नेताओं के हाथ में है, जो की कोई सुझाव या फिर नए कार्यक्रम के लिए तैयार नहीं रहते है।सब कुछ राम भरोसे चल रहा है ऐसे में जीत पर भी प्रश्न चिन्ह लग सकता है।

पार्टी सूत्रों के अनुसार कल्याण लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा परेशानी यहां के भाजपा नेताओं से है। जो कि सिर्फ दिखावे के लिए ही डा. शिंदे के साथ दिख रहे है। अनेक भाजपा नेताओं की मनःस्थिति भाफने पर यह साफ दिखा कि इस लोकसभा में डा. शिंदे को जिताने के लिए वे लोग ज्यादा प्रयास नहीं करने वाले है।

कल्याण पूर्व से भाजपा विधायक गणपत गायकवाड के मामले में नाराज भाजपाइयों के साथ उनकी पत्नी द्वारा सरेआम विरोधी

उम्मीदवार वैशाली दरेकर के लिए प्रचार करना डा. शिंदे की जीत में परेशानी खड़ी कर सकता है।

उल्हासनगर से भाजपा विधायक कुमार आयलानी को उनके कट्टर विरोधी पप्पू कालनी से समझोता करके शिंदे गुट की शिवसेना ने पहले ही भाजपा से अपने लिए समर्थन पाने का रास्ता बंद कर लिया है।

ऐसे में यह साफ दिख रहा है कि कल्याण लोकसभा क्षेत्र में परिस्थितियां डा. श्रीकांत शिंदे के लिए अनुकूल नहीं है।