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उल्हासनगर मनपा द्वारा जल रिसाव रोकने करोड़ों खर्च, फिर भी रोजाना हज़ारों लीटर पानी बह रहा है गटर में।

उल्हासनगर – उल्हासनगर महानगरपालिका क्षेत्र में जहां एक ओर पेय जल की किल्ल्त दिन ब दिन बढ़ती जा रही है वहीँ दुसरी तरफ रोजाना हज़ारों लीटर पानी रिसाव के चलते गटर में बह रहा है।

इस रिसाव को रोकने के लिए मनपा विगत तीन वर्षों में पचास करोड़ रुपया खर्च कर चुकी है लेकिन कोई हल नहीं निकला है। जिससे किसी घोटाले की आहट सुनाई देने लगी है।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में उल्हासनगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक कुमार आयलानी ने उल्हासनगर मे बढ़ रहे पेयजल संकट को नागपुर में विधानसभा सत्र में जोरदार ढंग से उठाया था।

जबकि उन्होंने अपने विधानसभा में संबोधन के दौरान कहीं भी अपने क्षेत्र के पाइप लाइन में लीकेज और उसके मरम्मत का जिक्र नहीं किया था ऐसे में माजरा आम नागरिकों के समझ से परे हैं।

बता दें कि उल्हासनगर महानगरपालिका क्षेत्र में केंद्र और राज्य सरकार ने संयुक्त रूप से ४०० करोड़ रुपयों की पेयजल वितरण योजना कार्यान्वित की थी।

किन्तु जगह जगह पानी की पाइप लाइन्स में रिसाव होने की वजह से उपलब्ध पानी में से २५ फ़ीसदी यानी कि तीस एम एल डी पानी गटर में बह जाता है।

इस रिसाव को रोकने और पानी की पाइप को मरम्मत करने के लिए मनपा ने निविदा जारी की थी। इस निविदा का मजदूर सोसायटी और बेरोजगार अभियंता संस्था ने विरोध करते हुए मनपा मुख्यालय के सामने क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है।

जिससे जल रिसाव को रोकने के मनपा के प्रयास पर पानी फिर गया है। हर साल १८ करोड़ और तीन साल में तकरीबन ५० करोड़ रूपये खर्च होने के बाद भी जल रिसाव नाम मात्र ही रोका जा सका है।

जिससे कयास लगाया जा रहा है कि जल रिसाव रोकने की निविदा में कोई बड़ा घोटाला किया गया है। जिसमे स्थानीय स्तर के सर्व दलीय नेताओ की मिलीभगत है।

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