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केंद्र सरकार की लापरवाही से बीएसएनल के एक करोड़ से अधिक उपभोक्ताओ का राम-राम

केंद्र सरकार की लापरवाही और स्थानीय प्रशासन के असहयोग के कारण भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनल) के एक करोड़ से अधिक उपभोक्ता बीएसएनल को राम-राम कह कर अन्य दूरसंचार कंपनी के उपभोक्ता बन गए हैं और आज भी केंद्र सरकार की बीएसएनएल के प्रति उदासीनता बनी हुई है

बीएसएनएल के नजदीकी सूत्र के अनुसार विभाग को अपने क्षेत्र में उपभोक्ता बनाए रखने के लिए निरंतर मैन पावर के साथ विभिन्न उपकरणों की जरूरत रहती है जिससे क्षेत्र के उपभोक्ताओं को होने वाबीएसली रोजमर्रा की समस्याओं को यथाशीघ्र खत्म किया जा सके और उनकी सेवा वहाल की जा सके. लेकिन केंद्र सरकार विभागीय उपकरण देने में भी लगातार आनाकानी करते रहता है.

इसके साथ स्थानीय स्तर तक के कामों के टेंडर पास करने में अनेक तरह की बाधाये जानबूझ कर उत्पन्न की जाने लगी है सूत्र के अनुसार स्थानीय स्तर के सरकारी संस्थान (मनपा जिला परिषद्)  भी बीएसएनएल से अब कडवे व्यवहार करने लगा है कोई भी मरम्मत कार्य करने के लिए स्थानीय मनपा प्रशासन सिर्फ 1 मीटर की खुदाई के लिए ₹6000 प्रति मीटर के हिसाब से पैसे अग्रिम भरने पड़ते हैं

ऐसे में कितने ही बीएसएनएल के प्रोजेक्ट रुक गए हैं अनेकों जगह पर विभाग के कर्मचारी मरम्मत का भी काम कर नहीं पा रहे हैं जिससे इसके उपभोक्ता लगातार खत्म होते जा रहे हैं बीएसएनएल को छोड़ गए उपभोक्ताओं की संख्या अब करोड़ों में हो गई हैं लेकिन केंद्र के तरफ से इसके लिए कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है

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