नरेंद्र पवार, शिवाजी आव्हाड, मिहिर देसाई की कल्याण भाजपा से तड़ीपारी किसके इशारे पर?
कल्याण जिले भर में भारतीय जनता पार्टी के ऐसे अनेक संघ निष्ठ कर्मठ कार्यकर्ता है जिन्हें जिला से लेकर मंडल और वार्ड स्तर तक की जिम्मेदारी दिए जाने के बाद उन लोगों ने बेहद सफलता पूर्वक अपनी जिम्मेदारी निभाई और भारतीय जनता पार्टी को आम जन तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
लेकिन इन कर्मठ कार्यकर्ताओं को उनके अगले सत्र में कल्याण जिले के भाजपा जिला, मंडल या फिर वार्ड कार्यकारिणी में जगह नहीं मिली। क्योंकि ये लोग “महामाहिम” की नजरों में खटक गए। और उन्हें जबरन घर बैठना पड़ा।
और इन्ही में से अनेक अपनी काबिलियत और पहचान से प्रदेश भाजपा के विभिन्न मोर्चा में पद प्राप्त कर भाजपा में सक्रिय है। अब ये लोग भाजपा प्रदेश पदाधिकारी है।
इसके बावजूद उन्हें अपने गृह स्थान यानी कल्याण जिला भाजपा में कोई महत्व नहीं है। ऐसा लगता है कि उन्हें कल्याण जिला भाजपा से तड़ीपार कर दिया गया है।
कल्याण जिले भर में ढूंढने पर सैकड़ों नाम मिल जायेंगे जो संघ पृष्ठभूमि से आते है। कर्मठ है, और मौका मिलने पर इन लोगो ने अपनी कर्मठता दिखाई भी है। लेकिन अब ये लोग कल्याण जिला भाजपा से साइडलाइन हो गए है।
इन नामों में प्रमुखता से संघ और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पृष्ठभूमि वाले कल्याण पश्चिम से पूर्व भाजपा विधायक नरेंद्र पवार, भाजपा कल्याण जिला महासचिव रहे शिवाजी आव्हाड, और भाजपा युवा मोर्चा कल्याण जिला अध्यक्ष रहे मिहिर देसाई का नाम आता है।
नरेंद्र पवार का सफर कल्याण डोंबिवली मनपा में नगरसेवक, उपमहापौर, कल्याण पश्चिम से भाजपा की तरफ से विधायक भी रहे है। इसके साथ वे कल्याण भाजपा के जिला अध्यक्ष भी रहे है।
पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने यह कल्याण पश्चिम विधानसभा सीट खैरात में शिवसेना को दे दी। ये निर्णय भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने किसके दबाव में लीया या किस प्रलोभन के तहत ये सीट छोड़ा अभी तक ये रहस्य बना हुआ है।
लेकिन कल्याण जिला भाजपा से नरेंद्र पवार अलग थलग कर दिए गए। और उन्होंने अपनी काबिलियत से प्रदेश भाजपा भटके विमुक्त प्रजाति मोर्चा का अध्यक्ष पद हासिल कर भाजपा में सक्रिय है।
एक समय राज्य के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री गोपीनाथ मुंडे के दाहिना हाथ माने जाने वाले शिवाजी आव्हाड भी पिछले सत्र में भाजपा कल्याण जिला महासचिव थे और अगले सत्र में उनके जिला अध्यक्ष बनाया जाना निश्चित था। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में भाजपा का नाम और प्रभाव बढ़ाने के लिए उस दौरान लाखो रुपए खर्च कर दिए थे।
लेकिन अगले सत्र में उन्हें भाजपा कल्याण जिला कार्यकारणी में जगह नहीं मिली। वे भी नरेंद्र पवार की अध्यक्षता वाली भटके विमुक्त मोर्चा के प्रदेश महासचिव है।
और हर वर्ष २१ अक्टूबर को स्थानीय विधायक रविंद्र चव्हाण के जन्मदिन की बधाई के बैनर पर लाखो रुपए खर्च कर गुरुजी को पटाने के प्रयास में लगे है।
मिहिर देसाई का पूरा पारिवारिक पृष्ठभूमि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का है। और खुद वो विधार्थी परिषद में राष्ट्रीय स्तर तक सक्रिय रहने के बाद भाजपा से जुड़े और वार्ड स्तर भाजपा कल्याण जिला युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने।
अपने अध्यक्ष के कार्यकाल में उन्होंने पूरे कल्याण जिले भर में युवा मोर्चा को सक्रिय किए जाने की बात उनके सहयोगी करते है। ये भी महामाहिम को खटक गए।
वे भी कल्याण जिला भाजपा कार्यकारणी से बाहर। अब वे प्रदेश भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकारणी में है।
कल्याण जिला भर में ऐसे सैकड़ों कर्मठ भाजपा कार्यकर्ता है। जो महामाहिम को खटक गए और बेचारे घर पर बैठ गए।
नोट – “मुंबई आसपास” द्वारा इन तीनो में से (नरेंद्र पवार, शिवाजी आव्हाड, मिहिर देसाई) किसी से भी संपर्क नहीं किया गया है। ये सब आंकलन कल्याण जिला भाजपा में पिछले १५-२० साल से घटित घटनाक्रम पर आधारित है। “महामाहिम” के ऐसे अनेक किस्से है। जो मुंबई आसपास पर सिलसिलेवार ढंग से प्रसारित किए जायेंगे।
मुंबई आसपास में खबर आने के बाद शिवाजी आव्हाड का खुलासा
माननीय संपादक
मुंबई आसपास,
आपने मुंबई आसपास में मेरे बारे में गलत खबर छापी हैं. किसी ने मुझे बीजेपी से तड़ीपार नही किया और किसी ने मेरे साथ गलत नहीं किया. मैं बीजेपी में पूरी तरह संतुष्ट हूं, पार्टी में मेरा सम्मान है.
यह खबर प्रकाशित करने से पहले आपको मुझसे चर्चा करनी चाहिए थी. आपने बिल्कुल फर्जी खबर छापी है.
इसमें मेरा पक्ष डाले क्योंकि इससे भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के बीच गलतफहमी होने की संभावना है।’