धनगर भाइयों, चरवाहों के आर्थिक विकास के लिए आय का स्थायी स्रोत बनाने की आवश्यकता – उपमुख्यमंत्री अजीत पवार
मुंबई, दि. 21
यदि प्रयोगात्मक आधार पर चरागाह क्षेत्र से सटी भूमि को अर्ध-संलग्न आश्रय के लिए भेड़ पालन के लिए उपलब्ध कराया जाए तो चरवाहों और धनगर भाइयों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए आय का एक स्थायी स्रोत तैयार किया जा सकता है। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने जोर देकर कहा कि पशुपालन और डेयरी विकास विभाग को आज यहां आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए।
राज्य में धनगर, चरवाहा समुदाय की समस्याओं के समाधान और विकास योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर आज उपमुख्यमंत्री पवार की अध्यक्षता में मंत्रालय में बैठक हुई। इसी बैठक में उपमुख्यमंत्री पवार बोल रहे थे।
चरवाहा समुदाय वर्षों से खानाबदोश जीवन जी रहा है और उनका विचरण बंद होना चाहिए। उन्हें विकास की मुख्य धारा में लाया जाना चाहिए। जिस प्रकार बकरी एवं मुर्गी पालन योजना लागू की गई है, उसी तर्ज पर भेड़ों के लिए अर्ध-संलग्न आश्रय उपलब्ध कराने से धनगर भाइयों का भटकना बंद हो जाएगा। उपमुख्यमंत्री ने बैठक में यह भी बताया कि धनगर बंधुओं के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक विकास की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना होगा।