वसई में धूमधाम से संपन्न हुआ होलिकोत्सव, प्राकृतिक रंगों से खेली गयी होली!
प्रेम चौबे
वसई :साधु संतो महापुरुषों की भूमि भारतवर्ष मे प्रमुख रूप से मनाऐ जाने वाले त्योहारो मे एक पावन पर्व होली महापर्व का भी समावेश है, होलिकोत्सव का अपना आध्यात्मिक महत्व भी है और इसे रंगो का त्योहार भी कहा जाता है इसलिए इसका आध्यात्मिक नाम रंगपंचमी है।
आजकल मिलावटी के युग मे रंगों मे रासायनिक तत्वों कै मिश्रण के वजह से सिर्फ प्राकृतिक रंगों या फिर फुलों से होली खेलना बहुत ही श्रेयस्कर होता है। इसलिए ऐसा ही एक सुंदर और भव्य होलिकोत्सव का आयोजन बागेश्वर धाम पालघर ज़िला संयोजक शैलेश मिश्रा की ओर से शॉप न. 8 शेरेनिटी गार्डन एवरसाईन सिटी वसई पूर्व मे होली मिलन समारोह आयोजित किया गया था।
इस कार्यक्रम मे होली गीत,फगुआ ,चैता के साथ होली के पारंपरिक गीतो के साथ ठंडाई व अल्पाहार की समुचित प्रबंध आयोजन समिति द्वारा रखा गया था।जिसका रसास्वादन लगभग 3500 लोगों द्वारा आनंदित होकर होली की शुभकामनाओं के साथ लिया गया।
इस अवसर पर संत श्री सतपाल जी महराज वसई आश्रम के प्रमुख संत पू. श्री मुसाफिरा नंद महाराज मुख्य रूप मे उपस्थित रहकर सभी जन समुदाय को फूलों व प्राकृतिक रंगो की होली खेलकर लोगों को आशीर्वाद प्रदान किया.
प्रख्यात समाजसेवी व बागेश्वर धाम सेवा समिति के महाराष्ट्र अध्यक्ष विष्णुकांत ओझा पालघर जिला अध्यक्ष शैलेश मिश्रा समाज सेवक पवन मिश्रा,श्रीपाल सिंह ,सूर्य मौली चौबे, सुभाष दीक्षित, जगत नारायण मिश्रा, शैलेन्द्र मिश्रा, सत्यनारायण यादव सहित तमाम लोग उपस्थित रहे!