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कल्याण के होटल गुरूदेव ग्रान्ड के कर्मचारी ने किया आत्महत्या का प्रयास

फिर खुली बाई रुक्मिणी बाई अस्पताल की पोल , तडपते मरीज को भेजा कलवा के शासकीय अस्पताल

कल्याण- कल्याण के प्रसिद्ध होटल गुरूदेव ग्रान्ड के एक कर्मचारी ने फांसी लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया लेकिन समय रहते उसके अन्य सहकर्मियों ने उसे बचा लिया और केडीएमसी के बाई रुक्मिणी बाई अस्पताल में भर्ती किया। मगर अस्पताल में अति दक्षता विभाग बंद होने से दर्द से तडपते मरीज को कलवा के शासकीय अस्पताल में भेज दिया गया।
बता दें कि शनिवार की शाम को कल्याण के खडकपाडा में स्थित होटल गुरूदेव ग्रान्ड के एक कर्मचारी रवि तुरी ने स्टाफ के लिए बने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया।

मगर अन्य कामगारों ने रवि को समय रहते बचा लिया। तब तक रवि की गर्दन की नसें खिंच चुकी थी। दर्द से तडपते रवि को बाई रुक्मिणी बाई अस्पताल में लाया गया। साथ में होटल का प्रबंधक संदीप चौधरी भी था। लगभग एक घंटे तक रवि अस्पताल के बेड पर वेदना से तडपता रहा मगर अस्पताल में अति दक्षता विभाग बंद होने से उसका इलाज होना तो दूर , उसकी तरफ अस्पताल का स्टाफ थोडा भी ध्यान नहीं दे रहा था।

तभी शिवसेना (उबाठा) के विधानसभा सह संगठक रूपेश भोईर वायरल बुखार की दवाई लेने अस्पताल पहुंचे । वहां ओ पी डी से मरीज की चीखे सुनकर उन्होंने तहकीकात की तो सारा मामला सामने आया। भोईर ने तुरंत मुख्य वैद्यकीय अधिकारी से संपर्क किया और सारी बात उन्हें बतायी। इसके बाद अस्पताल के चिकित्सको ने भागदौड शुरू की।

तब तक रूपेश भोईर ने होटल के प्रबंधक संदीप चौधरी से बात कर मामले को समझा। इसके बाद अस्पताल के चिकित्सको ने कहा कि हमारे पास उचित चिकित्सा सुविधाओं का अभाव होने से हम इस मरीज को कलवा के शासकीय अस्पताल में भेज रहे हैं ।

भोईर ने तुरंत रूग्णवाहिका की व्यवस्था की और मरीज को कलवा के शासकीय अस्पताल में भेज दिया । इस बारे में रूपेश भोईर ने कहा कि मनपा के इस अस्पताल को मनपा ने सादा दवाखाना बनाकर रख दिया है।

मेरे सामने मरीज एक घंटे तक तडपता रहा मगर उसे इलाज के नाम पर कुछ नहीं मिला और हर बार की तरह इस बार भी अस्पताल ने अपनी जिम्मेदारी से दूर भागते हुए मरीज को कलवा के शासकीय अस्पताल में भेज दिया है।