कल्याण डोंबिवली: पिछले पांच साल “अनरीचेबल” रहे जनप्रतिनिधियों को आ रही है दिक्कत
देवकी यादव
कल्याण डोंबिवली के चारों विधानसभा क्षेत्र में आम नागरिकों से पिछले 5 साल अनरीचेबल रहे जनप्रतिनिधियों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
कल्याण डोंबिवली के सभी चार विधानसभा सीटो पर बढने लगा है तनाव
इनमें से ज्यादातर नेताओं ने अपने इस बर्ताव के लिए अपने मतदाताओं से अपनी गलती भी मान ली है। बावजूद इसके इन जन प्रतिनिधियों के गलती मानने के बावजूद मतदाताओं की नाराजगी दूर हो गई है इसका पता तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही लगेगा।
सबसे पहले हम बात करेंगे डोंबिवली विधानसभा क्षेत्र की। जहां से पिछले तीन बार विधायक रहे रविंद्र चौहान पिछले सत्र में राज्य सरकार के मंत्रिमंडल में सार्वजनिक निर्माण मंत्री जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय के मंत्री थे.
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स्वाभाविक रूप से उनके पास पूरे राज्य के विकास की जिम्मेदारी थी। लेकिन डोंबिवली के विधानसभा क्षेत्र के मतदाता उनसे पिछले 5 साल डोंबिवली के विकास कार्य को नजरअंदाज किए जाने का आरोप लगा रहे हैं और रविंद्र चौहान इन बातों को पर मतदाताओं को समझने का प्रयास कर रहे है।
नाराजगी कल्याण ग्रामीण सीट से महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के विधायक राजू पाटिल से मतदाताओं की भी दिख रही है। कल आगरी समाज सम्मेलन किए गए भाषणों के साथ राजू पटील अपने अनेक भाषणों में इस बारे में सफाई दी है।
लेकिन प्रतिनिधियों के चुने जाने के बाद अनरीचेवल होने के रवैया पर मतदाता क्या रूख अपनाते हैं, इसका जवाब आगामी 23 नवंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा।
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कल्याण पूर्व से विधायक गणपत गायकवाड अपने समर्थकों में अच्छी छवि रखते है। लेकिन अब वे जेल में है। ऐसे में वे भी एक तरह से आम नागरिकों के लिए अनरीचेबल ही है।
इस बार चुनाव में उनकी पत्नी सुलभा गायकवाड मैदान में है। पूरी तरह से राजनीती दाव पेंच से दूर और घरेलू महिला की पृष्ठभूमि वाली सुलभा गायकवाड के प्रति मतदाता क्या रुख अपनाते हैं यह चुनाव परिणाम के बाद ही पता चलेगा।
कल्याण पश्चिम से विधायक रहे शिवसेना शिंदे गुट के विश्वनाथ भोईर के बारे में भी आम नगरी उन्हें अनरीचेबल नेता ही मानते हैं। लेकिन अपने कार्यकर्ताओं के साथ समर्थकों में भी उनकी अच्छी पकड़ है। और वह अपने कार्यकर्ताओं के साथ अपने मतदाताओं को अपनी स्थिति समझा पाने में सफल हुए या नहीं इसका जवाब चुनाव परिणाम से ही पता चलेगा।