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भारतीय घुसपैठियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो भारत बन जाएगा ‘फ्रांस’- अनिल धीर ने दी चेतावनी

मुंबई, दि. 10
फ्रांस में थोपी गई धर्मनिरपेक्षता की विफलता के गंभीर परिणाम फ्रांस के नागरिकों को भुगतने पड़ रहे हैं। भारत में कई जगहों पर रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों को अवैध तरीके से बसाया जा रहा है और उन्हें रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। अगर केंद्र सरकार इन घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाती है, तो भारत ‘फ्रांस’ बन जाएगा, यह चेतावनी ओडिशा के भुवनेश्वर में ‘इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज’ के समन्वयक विद्वान अनिल धीर ने दी। वे हिंदू जनजागृति समिति द्वारा ‘क्या फ्रांस की आग भारत तक पहुंचेगी?’ विषय पर आयोजित ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद में बोल रहे थे।

एक धर्मनिरपेक्ष देश के रूप में यूरोप में फ्रांस की मिसाल दी जाती है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद फ़्रांस ने शरणार्थियों के लिए अपनी सीमाएँ खोल दीं। धीर ने ये भी कहा कि फ्रांस में जो दंगे अभी हो रहे हैं वो अचानक नहीं हो रहे हैं बल्कि इसकी तैयारी पिछले 30 से 40 सालों से की जा रही है। पोलैंड और जापान ने शुरू से ही अवैध घुसपैठ नहीं होने दी। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड भी इसी तर्ज पर प्रयास कर रहे हैं। हिंसा के बाद अब फ्रांस में सख्त कानून लाने की कोशिशें चल रही हैं। धीर ने यह भी कहा कि भारत को इस स्थिति से सबक लेना चाहिए और देश में अवैध आव्रजन और निवास के खिलाफ सख्त कानून लागू करना चाहिए।

फ़्रांस में इस समय दंगे हो रहे हैं, जो लंबे समय से अल्पसंख्यकों का एक ‘वैश्विक पैटर्न’ रहा है। पहले वे शरणार्थी बनकर गए, फिर उन्होंने वहां की संस्कृति, विरासत, ऐतिहासिक इमारतों को नष्ट कर वहां के लोगों को शरणार्थी बना दिया और वहां ‘दार-उल-इस्लाम’ का राज्य ले आए। विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि कुछ साल पहले अवैध रूप से भारत आए रोहिंग्या मुसलमानों से भी यही खतरा है और आज भारत में कई ‘मिनी पाकिस्तान’ बन गए हैं।

जर्मनी की लेखिका मारिया वर्थ ने कहा कि फ्रांस में मौजूदा दंगे पूर्व नियोजित थे. फ़्रांस और अन्य देशों में राजनीतिक नेता दंगे और हिंसा भड़काने के लिए मुस्लिम शरणार्थियों का उपयोग कर रहे हैं; लेकिन फ्रांस में मुस्लिम शरणार्थियों के कारण हुए दंगों का समर्थन करने की कोई जरूरत नहीं है। कुल मिलाकर भारत को फ्रांस की स्थिति को लेकर बेहद सतर्क रहना चाहिए।

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