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डायबिटीज की दवा समझ दो साल से वह खा रहा था वैक्स

कल्याण (पश्चिम) में रहनेवाला डायबिटीज़ का एक मरीज़ जिसे दवा समझकर खा रहा था असल में वह वैक्स ट्यूब निकला। अब मरीज़ प्रदीप कुलकर्णी ने अन्न व औषधि प्रशासन (एफडीए) से इसकी शिकायत की है।

शुक्रवार को कुलकर्णी ने एफडीए से शिकायत में बताया कि दो साल से डॉक्टर की सलाह पर वे ग्लाइसीफेज नामक टैबलेट्स खा रहे थे। दो दिन पहले टैबलेट्स खाने के बाद उन्हें उल्टी हो गई। उल्टी होने के साथ-साथ टैबलेट्स भी बाहर आ गया। वे यह देखकर दंग रह गए कि टैबलेट्स मोम (वैक्स ट्यूब) में परिवर्तित हो गया था। डॉक्टर की सलाह पर कुलकर्णी ने तुरंत एफडीए में दवा कंपनी के खिलाफ शिकायत कर दी। बताते हैं कि एफडीए अधिकारियों ने इसका संज्ञान लिया और कार्रवाई के लिए मेडिकल स्टोर पर पहुँच गए।

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कुलकर्णी आधारवाड़ी जेल के पास रहते हैं और पेशे से इंटीरियर डिजायनर हैं। कुलकर्णी ने बताया कि इसलिए उनको डायबिटीज़ बीमारी में फायदा नहीं हो रहा था। वे कल्याण (पश्चिम) के उम्बरडा स्थित शुभम मेडिकल स्टोर्स से यह दवाई लेते थे। यह दवाई कोई पारस मेडिकल एजेंसी सप्लाई करती है।

ऑल फूड्स एन्ड ड्रग्स लाइसेंस होल्डर्स फाउंडेशन के अध्यक्ष अभय पांडेय ने बताया कि मामला उनकी भी जानकारी में है। वे भी दवा कंपनी के खिलाफ कार्रवाई के लिए एफडीए को पत्र लिखेंगे। पांडेय का कहना है कि ऐसा सब ऑनलाइन खरीदी की वजह से होता है। मेडिकल स्टोर्स मालिक ज़्यादा कमीशन के चक्कर में ऑनलाइन दवा खरीदते हैं और इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ता है।

Sources – ABI news

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