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मुझे धनंजय कुलकर्णी जैसा हाल नहीं करवाना – डोंबिवली विधानसभा से इच्छुक एक ब्रह्मण उम्मीदवार

भारतीय जनता पार्टी शीर्ष नेतृत्व इस बार भी डोंबिवली विधानसभा क्षेत्र से किसी ब्राह्मण को उम्मीदवारी देने के मूड में नहीं है। प्रदेश भाजपा नेतृत्व में निर्णय लेनेवाले एक नेता के अनुसार डोंबिवली विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवारी के लिए रविंद्र चव्हाण के अलावा किसी ब्राह्मण के साथ अन्य समाज का भी नाम स्थानीय भाजपा नेतृत्व की तरफ से प्रदेश नेतृत्व तक नहीं पहुंचा है।

और ये पार्टी शीर्ष नेतृत्व की मर्जी है कि पार्टी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों की मांगों को कितनी प्रधानता दे। उनके अनुसार अभी तक संघ डोंबिवली के स्वयंसेवकों द्वारा डोंबिवली से किसी सक्षम ब्राह्मण को उम्मीदवारी देने की मांग के बारे में उनको जानकारी नहीं है।

दो दिन पहले ही “मुंबई आसपास” में डोंबिवली के चार ब्राह्मणों में से किसी एक को यहा से भाजपा की तरफ से आगामी विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारी देने की मांग वाली खबर छपी थी। जिसमे स्थानीय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुछ स्वयंसेवकों ने वरिष्ठ भाजपा नेतृत्व से ये मांग रखने की बात सामने आई थी।

इस “मुंबई आसपास” की खबर का खासा प्रभाव डोंबिवली के राजनैतिक हलके में देखा गया। और “मुंबई आसपास” में जिन चार ब्राह्मणों इच्छुको उम्मीदवारों का नाम सार्वजनिक किया गया था उनमें से दो लोगो का फोन “मुंबई आसपास” के फोन नंबर पर आया।

दोनो ने पहले तो “मुंबई आसपास” के उस खबर में नाम डालने पर अपनी नाराजगी जाहिर की। और उसमे से एक ने सीधा कहा मुझे धनंजय कुलकर्णी जैसा हाल नही करवाना।

इनके अनुसार धनंजय कुलकर्णी बाल संघ स्वयंसेवक के साथ भाजपा में भी सक्रिय था। इसके साथ डोंबिवली के प्रतिष्ठित माने जानेवाला तिलकनगर सार्वजनिक गणेश उत्सव मंडल के साथ अनेक सामाजिक संस्थाओं से जुड़ा था।

सात आठ साल पहले उसने डोंबिवली विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवारी पाने के लिए गोपनीय ढंग से तैयारी शुरु की।

वो गिफ्ट आइटम का दुकान चलाता था। इसी दौरान उसके दुकान पर कल्याण क्राइम ब्रांच की रेड पड़ी। पुलिस ने उसके दुकान से तलवार बरामद किया, ऐसा अपनी रिपोर्ट में दिखाया। और धनंजय कुलकर्णी को ३-४ महीने जेल में काटना पड़ा। केस अभी तक चल रहा है।

उक्त इच्छुक उम्मीदवार के अनुसार बड़ी बड़ी तलवारे India Mart जैसे व्यवसायिक वेबसाइट पर सरेआम ऑनलाइन बिकता है। लेकिन कुलकर्णी को “बली का बकरा” किसने बनाया ये आज भी गुप्त ही है।

धनंजय कुलकर्णी ने पार्टी का काम छोड़ दिया। डोंबिवली से दूर राजनीति को राम राम करके, कोई अन्य व्यवसाय में लग गया है। लेकिन वो आज तक यह सब षडयंत्र उसके साथ किसने किया वाले सवाल पर किसी का भी नाम नहीं लेता है।

उक्त इच्छुक के अनुसार पार्टी संघ परिवार की सिफारिश पर अगर उसे उम्मीदवारी देगी तो इसमें उसे कोई परेशानी नहीं। लेकिन वो सार्वजनिक रूप से भाजपा की तरफ से डोंबिवली से अपनी उम्मीदवारी की मांग नही करेगा।

भाजपा द्वारा स्वेच्छा से उम्मीदवारी देने पर मुझे कोई परेशानी नहीं। लेकिन मैं डोंबिवली से सार्वजनिक रूप से उम्मीदवारी की मांग नहीं कर रहा।ये कहना है दूसरे इच्छुक उम्मीदवार का।