कल्याण स्थित मंडल रेल चिकित्सालय विवादों के घेरे मे
जल्दी बाजी में बिना सोचे समझे कल्याण मे रेल प्रशासन द्वारा सेवानिवृत्त कर्मचारियों के स्वास्थ्य की देखरेख करने के लिये एक डिस्पेंसरी का शुभारंभ कुछ दिन पहले महाप्रबंधक महोदय के हाथो किया गया, स्थानिय रेल कर्मीयो के अनुसार यह डिस्पेंसरी सेवानिवृत्त रेल कर्मचारियों के लिये सरदर्द बन गई है.
लोगों का कहना है यह क्लीनिक सेवानिवृत्त रेल कर्मचारियों पर घोर अन्याय है, पूरी डिस्पेंसरी में एक ही डॉक्टर है. अब एक डाक्टर कितने मरीज देखेगा,
वरिष्ठ रेल कर्मीयो का कहना है कि एक तो पहले ही यहा के रेल अस्पताल मे डॉक्टर एवं स्टाफ की कमी है, ऐसे मे आनंन फानन मे झूठी वाहवाही लूटने के लिये अलग से बुजुर्ग रेलकर्मियो के लिए डिस्पेंसरी का शूभारंभ रेल विभाग का गलत निर्णय है.
जिसे लेकर कर्मचारी एवं उनके संगठन इसका विरोध करने को तैयार हो गये,है. और इस बिषय को लेकर सेंट्रल रेलवे मजदूर संध का एक प्रतिनिधि मंडल मंगलवार को विवेक सिसोदिया एवं संजीव दुबे के नेतृत्व मे मंडल रेल प्रबंधक को एक ज्ञापन सौंपा. और रिटायर्ड रेल कर्मियो को होने वाली असुविधा की जानकारी दी,
इसी तरह AIRRF के महासचिव आर के सारस्वत एवं वरिष्ठ सेवानिवृत्त रेल कर्मचारी बालकिशन अग्रवाल के नेतृत्व मे एक प्रतिनिधि मंडल रेलवे अस्पताल के मुख्य स्वास्थ्य अधिक्षक से भेट करके मरीजों को होने वाली असुविधायो के बिषय मे जानकारी दी.
जिसपर अधिक्षक महोदय ने गंभीरता पूर्वक विचार करने का आशवासन दिया, दोनो प्रतिनिधि मंडल का कहना है कि मंडल रेल चिकित्सालय मे तो कई बीमारी के स्पेसलिस्ट डॉक्टर नही है,जबकि बह स्पेसलिस्ट डॉक्टर रोड साइड डिस्पेंसरीयो में कार्यरत है,जहाँ उनकी जरूरत नही है।