मराठी भाषा भूली “उद्धव” की शिवसेना !
मुंबई – (कर्ण हिंदुस्तानी ) शिवसेना नेता और नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित तमाम विधायकों की बगावत से बौखलाई शिवसेना ने मराठी भाषा को ही तिलांजलि दे दी लग रहा है।
इसका जीताजागता उदाहरण एक पत्र है जो कि शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को लिखा था।
अंग्रेज़ी में लिखे इस पत्र में एकनाथ शिंदे को कहा गया है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते आपको शिवसेना से निष्काषित किया जाता है।
कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन करने के बाद शिवसेना पर आरोप लगता आया था कि शिवसेना अपने मूल मकसद से भटक गयी है।
हिंदुत्व और मराठी माणूस के मुद्दे को शिवसेना दरकिनार कर चुकी है। अब अंग्रेज़ी में लिखे इस पत्र ने यह भी साबित कर दिया है कि मराठी भाषा के नाम पर बाहरी राज्यों से आने वालों को पीटने वाली शिवसेना खुद मराठी भाषा को महत्व नहीं देती।
यह भी पढे – उद्धव ठाकरे की स्थिति “क्या करूं क्या ना करूं”, अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पार्टी से निकालने का पत्र
शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा लिखित यह पत्र किसी अन्य राज्य के नेता को नहीं लिखा गया है बल्कि खुद एक मराठी भाषिक विधायक एकनाथ शिंदे को लिखा गया है।
कुल मिलकर उद्धव ठाकरे एक बार फिर इस पत्र के जरिए उपहास का पात्र बन गए हैं।
खबर के शीर्षक में उद्भव कि शिवसेना लिखने का कारण भी समझना जरूरी है।
एकनाथ शिंदे के समर्थन में शिवसेना के 38 विधायकों ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के विरुद्ध में 12 दिन पहले ही बिगुल फूंक दिया था।
उसीदौरान विरोधी गुट ने उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना का अधिपत्य और स्वीकारते हुए बालासाहेब शिवसेना ऐसा नया नामांकन किया था और ऐसे ही असली शिवसेना होने की घोषणा की थी
अब शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा संगठन को अपने अधिपत्य में होने का प्रमाण देने का प्रयास कर रहे हैं।
और शायद इसीलिए ऐसे उल्टे सीधे आदेश जारी कर रहे है। जिससे शिवसैनिकों में असमंजस का माहौल है