महाराष्ट्र सरकार अगले तीन महीनों में तैयार करेगी स्पेस नीति!
राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी, उत्तन, ठाणे में आयोजित ‘स्पेस टेक फॉर गुड गवर्नेंस कॉन्क्लेव’ में शामिल होकर उपस्थित लोगों को संबोधित किया।
पिछले कुछ वर्षों में अंतरिक्ष तकनीक का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर लोगों के बीच बढ़ा है। जिसके कारण आम लोगों के जीवन का अभिन्न अंग अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी बनने जा रही है। गवर्नेंस में भी अंतरिक्ष तकनीक का बड़ा महत्व है।
मा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अंतरिक्ष तकनीक के महत्व को समझते हुए एक बहुत अच्छी अंतरिक्ष नीति तैयार की। प्रधानमंत्री जी की इच्छा है कि आने वाले समय में दुनिया में अंतरिक्ष तकनीक के मामले में भारत की हिस्सेदारी 8 से 10% हो, अंतरिक्ष तकनीक के माध्यम से भारत 44 बिलियन डॉलर का व्यवसाय करने की क्षमता तैयार कर सकता है।
साल 2014 तक देश में अंतरिक्ष तकनीक के क्षेत्र में महज 1 स्टार्ट अप था, आज इस क्षेत्र में 189 स्टार्ट अप बेहतरीन काम कर रहे हैं। यह स्टार्ट अप 124 मिलियन डॉलर की निवेश को आकर्षित कर रहे हैं।
गवर्नेंस में रिमोट सेन्सिंग, ड्रोन और जीपीएस जैसी तकनीकों के कारण पारदर्शिता, कार्यक्षमता और जवाबदेही आती है। अंतरिक्ष तकनीक के इस्तेमाल के कारण सालों के काम दिनों में पूरे हो रहे हैं। सही योजना बनाने के कारण पैसों की बड़े पैमाने पर बचत हो रही है। अंतरिक्ष तकनीक का इस्तेमाल कृषि, मौसम, जल संरक्षण, स्वास्थ्य, शिक्षा, डिफेंस इत्यादि क्षेत्रों में किया जा रहा है।
महाराष्ट्र सरकार अगले तीन महीनों में एक स्पेस नीति तैयार करेगी। ताकि प्रदेश में इसका एक इको सिस्टम तैयार किया जा सकें। मैं इस कार्यक्रम के लिए रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी का अभिनंदन करता हूँ।
कार्यक्रम में रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल विनोद खंडारे जी, राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर के डायरेक्टर प्रकाश चौहान जी, विनय सहस्रबुद्धे जी, जयंत कुलकर्णी जी एवं अन्य मान्यवर उपस्थित थे।