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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, अब शुरू होगी असली जंग

(कर्ण हिन्दुस्तानी )
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के नामांकन भरने का आज आखिरी दिन है।  इसके बाद अब सिर्फ नामांकन वापिस लिए जा सकतें हैं।  कल्याण डोम्बिवली मनपा क्षेत्र की चारों विधानसभा क्षेत्रों में हर दल में घमासान मचा हुआ है।  चारों विधानसभा क्षेत्रों में बागियों और नाराज कार्यकर्ताओं ने चुनाव के मैदान को कुश्ती का अखाड़ा बना दिया है।  जिससे नतीजों का रुझान बदलने की संभावनाएं बनती दिखने लगीं हैं।
कल्याण डोम्बिवली मनपा क्षेत्र में चार विधानसभा क्षेत्र आतें हैं।  जिसमें डोम्बिवली , कल्याण पूर्व , कल्याण पश्चिम और कल्याण ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र आते है।  मौजूदा समय में डोम्बिवली से बीजेपी के रविंद्र चव्हाण , कल्याण ग्रामीण से शिवसेना के सुभाष भोईर , कल्याण पश्चिम से बीजेपी के नरेंद्र पवार और कल्याण पूर्व से निर्दलीय गणपत गायकवाड़ विधायक हैं। बात  डोम्बिवली से करें तो रविंद्र चव्हाण के सामने मजबूत उमीदवार के रूप में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के मंदार हलबे खड़े हैं।  रविंद्र चव्हाण के खिलाफ बीजेपी और खासकर संघ के लोग भारी संख्या में हैं।

काम के नाम पर रविंद्र चव्हाण ने डोम्बिवली वालों को सिर्फ आश्वासन ही दिया है।  ना तो डोम्बिवली की यातायात समस्या हल हुई है , ना पेयजल समस्या हल हुई है , ना डोम्बिवली को उचित  चिकत्सा सुविधा मिल सकी है।  बिजली का गुल होना तो आम बात है।  सड़कों के लिए ऐन चुनाव  के समय  करोड़ों की राशि मिलने का गुणगान किया गया।  मगर पांच सालों में कुछ भी नहीं हो पाया।  डोम्बिवली के कॉपर पुल को बंद कर दिया गया।  रेलवे स्टेशन का कल्याण की तरफ वाला पादचारी पुल भी तोड़कर रखा हुआ है।  यात्रियों के लगाई गई लिफ्ट भी बंद है।  मगर रविंद्र चव्हाण अपनी मस्ती में हैं। अपने समक्ष लोगों को बे वजह सलाखों के पीछे धकेलने का कार्य रविंद्र चव्हाण बखूबी करते हैं।

अब मनसे ने मंदार हल्बी जैसे युवा उमीदवार को सामने उतार कर रविंद्र चव्हाण को कड़ी चुनौती दी है। डोम्बिवली की जनता भले  ही अब  तक कमल को चाहती रही है मगर इस बार बदलाव की हवा दिख रही है। अब बात कल्याण ग्रामीण की करें तो यहां शिवसेना के मौजूदा विधायक सुभाष भोईर को हटाकर शिवसेना ने वरिष्ठ नगरसेवक रमेश महात्रे को टिकिट दिया है।  जबकि इससे पहले भोईर को शिवसेना ने उमीदवार घोषित करते हुए ए बी फॉर्म भी दे दिया था। इसी फॉर्म के बल पर भोईर ने एक तारीख को ही नामांकन भर दिया था।

अब भोईर को हटाकर शिवसेना ने रमेश महात्रे को  ए बी फॉर्म दे दिया है। दोनों में से आखिरी समय किसको नामांकन मिलेगा यह अभी भी तय नहीं हुआ है।  यहां से मनसे ने राजू पाटिल को अपना उमीदवार बनाया है।  सुभाष भोईर के नकात्मक कार्यों की वजह से ग्रामीण की जनता नाराज है।  जिसका फायदा मनसे को मिलने की संभावनाएं ज्यादा हैं।  क्योंकि भोईर और महात्रे के बीच टिकिट को लेकर चल रही खींचतान शिवसेना के वोटों पर असर डालेगी।  जिससे राजू पाटिल का पलड़ा भारी हो सकता है।

कल्याण पूर्व से बीजेपी ने इस बार दो  निर्दलीय विधायक रह  चुके  गणपत  गायकवाड़ को बीजेपी से टिकिट दिया है। गणपत  गायकवाड़ स्थानीय केबल चालक हैं और  हर चुनाव में वह कुछ माह के लिए केबल मुफ्त देने  घोषणा कर देते हैं।  जनता इसी में खुश हो जाती है।  काम के नाम  पर गणपत गायकवाड़ ने  सरकारी  निधि से खुद के लिए एक लैपटॉप खरीदा है।  जनता की समस्याएं जस की तस ही हैं।

गायकवाड़ की निधि का भी पूरा इस्तेमाल नहीं हो सका है।  कल्याण पूर्व  बरसों की तरह आज भी समस्याओं से ग्रसित है। मगर बीजेपी गणपत पर मेहरबान है। इस सीट से भी शिवसेना बगावत करने की घोषणा कर चुकी है।  शिवसेना के धनंजय बोडारे अपक्ष नामांकन भरने की तैयारी कर चुकें हैं। यहां से उत्तर भारतियों का चेहरा के रूप में शैलेश तिवारी निर्दलीय नामांकन दर्ज करने की घोषणा कर चुकें हैं। शैलेश तिवारी को यदि उत्तर भारतियों का साथ मिला तो जीत हार में बड़ी तब्दीली हो सकती है।
कल्याण पश्चिम में शिवसेना और बीजेपी दोनों दलों में बगावत हुई।  शिवसेना ने अपने शहर प्रमुख विश्वनाथ भोईर को टिकिट देकर बगावत पर लगाम लगा दी।  मगर बीजेपी के मौजूदा विधायक  नरेंद्र पवार ने टिकिट काटने के बाद बगावत करते हुए निर्दलीय नामांकन भर दिया है। अब कल्याण पश्चिम से मनसे के पूर्व विधायक प्रकाश भोईर , शिवसेना  संयुक्त उमीदवार विश्वनाथ भोईर और बीजेपी के ही बागी विधायक नरेंद्र पवार मैदान में हैं।  नरेंद्र पवार की छबि जनता के बीच रहने की बनी हुई है। यही वजह है कि नरेंद्र पवार का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। खैर परसों नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख है।  तभी पता चलेगा कि कितने और कौन से धुरंदर मैदान में हैं।

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