मोदी सरकार को एक और बड़ी सफलता, काश्मीरी पंडितो की घर वापसी शुरू.
नरेन्द्र मोदी सरकार के शासन काल में ही केंद्र सरकार को एक और सफलता हाथ लगी है. कश्मीर छोड़ने के 29 वर्ष बाद गुरुवार को श्रीनगर में एक कश्मीरी पंडित की घर वापसी हुई है जिसका स्थानीय लोगों ने शानदार ढंग से स्वागत किया है. रोशन लाल मावा के घर वापसी से 1990 के दशक में कश्मीर घाटी से विश्थापित हिंदू समुदाय की शांतिपूर्ण घर वापसी की उम्मीद बढ़ गई है.
रोशन लाल मावा यहाँ के पुराने शहर के ज़नाई कदल इलाके में निवास करते थे उनकी 70 के दशक से ही इसी क्षेत्र में खजूर व् मावे की दूकान थी. और रमजान के पवित्र महीने में अच्छी बिक्री होती थी.
घटना 13 अक्टूबर, 1990 की थी. एक अनजान युवक ने उनकी दुकान में प्रवेश किया और सूखे फलों के नमूने देखते देखते उसने पिस्तौल निकाली और रोशन लाल की तरफ निशाना लेकर चार बार गोली चलाई लेकिन वे बच गए। और इसी दहशत में वे अपना सवकुछ छोड़कर सपरिवार दिल्ली जाकर वही बस गए
दिल्ली में एक सफल ड्राई फ्रूट्स व्यवसायी बनने के बावजूद उन्हें अपनी मिटटी यानी काश्मीर घाटी की कसक मन में बनी रहती थी.घाटी के मावा व्यवसायियों से उनका सम्पर्क भी बना रहता था.और घाटी का माहौल शांत होने और स्थानिय व्यापारियों के आग्रह पर कल २ मई को रोशन लाल सपरिवार अपने गाव ज़नाई कदल इलाके में वापस आ गए है.
स्थानीय लोगो ने भी उनके सर पर पगड़ी बाँध कर माला पहना कर जोरदार ढंग से स्वागत किया.रोशन लाल जल्द ही यहा भी अपने पुराने व्यवसाय मावे की दूकान दुबारा शुरू करने की तैयारी कर रहे है.इसकी आने वाले रमजान महीने में अच्छी मांग रहती है.
पीपली डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी इस बावत ट्वीट कर कहा है कि ये वाकया काश्मीर में वापसी का इन्तजार कर रहे विस्थापित काश्मीरी पंडितो को हमवतन वापसी के लिए प्रोत्साहित करेगा. मुस्लिम भाइयों को भी यही गर्मजोशी बनाई रखनी होगी.जिससे आपसी भाईचारा बना रहेगा.
Eventually it will be this leap of faith taken by Roshan Lal , a Kashmiri pandit & and the warmth shown by their Muslim brethren that will strengthen ties & also encourage them to return home where they truly belong.
Ghar wundahayi ghar saasa
Bur nyeerhai na zah pic.twitter.com/fZIe35Cxro— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) May 2, 2019