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सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को सशक्त बनाने के लिए कई उपाय किए

केन्द्री य वित्‍त, कॉरपोरेट मामले, रेल और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने आज संसद में अंतरिम बजट 2019-20 पेश करते हुए कहा कि सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। एक ऐसी योजना को मंजूरी दी गई है, जिसमें 59 मिनट में अधिकतम एक करोड़ रुपये तक का ऋण मंजूर किया जाएगा और जीएसटी पंजीकृत लघु एवं मध्यम उद्यम इकाईयों को एक करोड़ रुपये की ऋण वृद्धि पर ब्याज में 2 प्रतिशत की छूट मिलेगी। आज संसद में अंतरिम बजट 2019-20 प्रस्तुत करते हुए, पीयूष गोयल ने कहा कि अब सरकारी उपक्रमों द्वारा 25 प्रतिशत संसाधन लघु एवं मध्यम उद्यमों से जुटाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसमें से कम से कम 3 प्रतिशत सामग्री महिलाओं के स्वामित्व वाले लघु एवं मध्यम उद्यमों से प्राप्त की जाएगी।

गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए, पीयूष गोयल ने कहा कि 17,500 करोड़ रुपये से अधिक लेन-देन किए गए हैं और इसके परिणाम स्वरूप औसतन 25-28 प्रतिशत बचत हुई है। वित्त मंत्री ने कहा कि दो वर्ष पूर्व हमारी सरकार द्वारा सृजित जीईएम से सार्वजनिक खरीद प्रणाली में सुधार हुआ है, क्योंकि यह पूरी तरह पारदर्शी, समावेशी और प्रभावकारी है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के पास अब जीईएम के माध्यम से अपने उत्पादों को बेचने का अवसर उपलब्ध है। अंतरिम बजट प्रस्तुत करते समय उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि अब सभी केन्द्रीय सार्वजनिक उद्यमों तक जीईएम प्लेटफॉर्म का विस्तार किया जा रहा है।

पीयूष गोयल ने यह भी बताया कि हाल में सरकार ने “खुदरा व्यापार और व्यापारियों तथा उनके कर्मचारियों के कल्याण सहित आंतरिक व्यापार को बढ़ावा” के विषय को औद्योगिक नीति और संवर्द्धन विभाग को सौंप दिया है, जिसका नाम बदलकर अब उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग किया जाएगा।

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