मुंबई पुलिस की बर्बरता का शिकार विजय नारायण सिंह !
(मुंबई आसपास ब्यूरो )
जब देश में दिवाली का पर्व मनाया जा रहा था और चारों तरफ खुशियां फैली हुईं थीं और लोग एक दूसरे को तोहफे दे रहे थे, उसी समय वडाला का एक परिवार मातम मना रहा था। क्योंकि वडाला ट्रक टर्मिनस पुलिस ने इस परिवार को जो तोहफा दिया , वह खुशियों को मातम में बदलने वाला तोहफा ही था। वडाला ट्रक टर्मिनस पुलिस ने सिंह परिवार को तोहफे में उनके जवान बेटे की लाश भेंट की थी।
महज २५ साल के विजय नारायण सिंह को वडाला ट्रक टर्मिनस पुलिस स्टेशन में कार्यरत पुलिस वालों ने इतनी बेरहमी से पीटा कि विजय नारायण सिंह की मौत हो गयी। अब इस मामले को लेकर काफी हंगामा हो रहा है। तो मुंबई पुलिस के खौफनाक चेहरे का सच भी सामने आ रहा है। इस बारे में जो जानकारी सामने आ रही है वह चौका देने वाली है। बताया जा रहा है कि दिवाली वाली रात विजय सिंह अपनी बाइक पर टहलने निकला था और उसके साथ उसका एक भाई भी था। एक जगह विजय सिंह ने बाइक रोकी और बाइक से नीचे उतरा। इस दरम्यान बाइक की हेड लाइट सामने बैठे एक प्रेमी युगल पर पड़ गयी। प्रेमी युगल ने विजय से बहस करनी शुरू कर दी। इस दरम्यान वहां गश्ती कर रही पुलिस भी आ गई। पुलिस ने साने वाली लड़की के कहने पर विजय को वहीँ पीटना शुरू कर दिया और बाद में विजय को वडाला ट्रक टर्मिनस पुलिस स्टेशन में भी लेजाकर बुरी तरह से पीटना जारी रखा। इस बीच विजय पुलिस वालों से पानी माँगता रहा। मगर बेदर्द पुलिस वालों ने विजय को पानी देना तक मुनासिफ नहीं समझा। विजय के घर वालों यहां तक कि विजय की माँ को भी पुलिस वालों ने भगा दिया। अचानक विजय की तकलीफ बढ़ गई। विजय के घर वालों ने विजय को अस्पताल ले जाने की गुहार लगाई तो पुलिस ने अपनी वैन में पेट्रोल ना होने का बहाना कर विजय को अस्पताल ले जाने से मना कर दिया। किसी तरह से विजय के घर वालों ने विजय को अस्पताल पहुंचाया। मगर तब तक देर हो चुकी थी और विजय पुलिस वालों की बर्बरता के चलते यमलोक पहुँच चुका था। अब वडाला ट्रक टर्मिनस पुलिस मामले को निबटाने में लगी है . एक फार्मासूटिकल कम्पनी में कार्यरत विजय नारायण सिंह के खून से जिन पुलिस वालों के हाथ सने हैं उन सभी पुलिस वालों पर ह्त्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग जोर पकड़ रही है। मगर पुलिस विभाग अभी तक खानापूर्ति करने में ही लगा है।