डोम्बीवली : अस्पताल की मनमानी के खिलाफ पुलिस में लिखीत शिकायत दर्ज
डोम्बीवली- एक महिला मरीज के साथ अस्पताल द्वारा बरती गयी लापरवाही और की गयी धोखाधड़ी के खिलाफ पीडित महिला मरीज ने लिखित शिकायत मानपाडा पुलिस स्टेशन में देकर उचित कार्रवाई करने की मांग की है।
रूपाली निरभवणे नामक महिला शिकायतकर्ता ने अपनी लिखित शिकायत में कहा है कि दिनांक 28/09/2023 की शाम को उनकी तबीयत अचानक बिगड गयी थी । इसके बाद वह निलजे स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज चौक के श्री दवाखाना में डाँक्टर रोकडे के पास गयीं । रोकडे ने उन्हें एक चिट्टठी देते हुए पास ही के एकमे थ्री डी अस्पताल में भेज दिया और किसी दीपक नामक व्यक्ति का मोबाइल नंबर दिया । पीडित महिला जब एकमे अस्पताल पहुची तो दीपक से फोन पर बात की । दीपक ने कहा कि बेड का किराया 2500/- रूपया , डाक्टर की वीजिट फीस 1200/- होगी और दवाओं का खर्च अलग से होगा। शिकायतकर्ता ने कहा मैं बेड का इतना किराया भरने मे सक्षम नहीं हूँ । दीपक ने झट से कहा बेड का किराया हजार रूपया कर देता हूँ । आप भर्ती हो जाइए। शिकायतकर्ता अस्पताल में भर्ती हो गयीं । उनको तुरंत सलाइन लगाया गया और तमाम इन्जेक्शन देने शुरू कर दिए गये । मरीज कि तबीयत कि जांच पड़ताल किये बगैर दी जा रहीं इन दवाइयों से मरीज की हालत बिगडने लगी । रात को जब सलाइन खत्म हो गयी और हाथ से रक्त बहने लगा , तब भी अस्पताल का कोई कर्मचारी अथवा डाक्टर मरीज को देखने नहीं आया। दर्द से कराहते हुए मरीज ने चिल्लाना शुरू कर दिया । फिर एक नर्स आयी और मरीज पर चिल्लाकर कहने लगी इतना गुस्सा क्यों हो रही हो। अस्पताल का कमरा वातानुकूलित होने के बावजूद एसी बंद कर पंखे चलाए गये। इसके बाद सुबह मरीज ने अपने एक पहचान वाले को रात की घटना के बारे में बताया । इस पहचान वाले ने अस्पताल में मौजूद जिम्मेदार लोगों से बात की लेकिन किसी ने समाधानकारक जवाब नही दिया । इसके पश्चात मरीज के कहने पर मानपाडा पुलिस स्टेशन मे फोन किया गया और सारी हकीकत बतायी गयी। मानपाडा पुलिस स्टेशन से दो पुलिस कर्मी आये और उनके सामने दीपक नामक डाक्टर ने कहा कि कुछ लोग बिल ना भरने की खातिर यह सब आरोप लगाते हैं । जब मरीज ने कहा कि हम बिल ना भरने की बात ही नहीं कर रहे हैं । तब दीपक ने पुलिस वालों के सामने रात की लापरवाही के लिए माफी मांगी । इसके बाद सुबह ही डाँक्टर सुशील दुबे आए और उन्होंने मरीज को देखा और पूछा आपका बजट क्या है ? शिकायतकर्ता ने बताया कि उनका फिलहाल बजट पांच हजार का है। इसपर डाँक्टर दुबे ने कहा हम आपको यहाँ से ठीक करके भेजेगे यदि आपके पास पैसे नहीं हैं तो हम आपका इलाज मुफ्त में करेंगे । इस पर शिकायतकर्ता ने कहा कि वह मुफ्त में इलाज नहीं चाहती । डाक्टर दुबे ने कहा ठीक है आप ठीक होने तक यहीं रहेंगी । इसके बाद रात नौ बजे अचानक डाक्टर दीपक ने कहा कि आपको नींद नहीं आ रही आपको हम गोली लिखकर देते हैं वह गोली लेकर आप घर चले जाइए। शिकायतकर्ता ने कहा कि लेकिन मुझे ठीक नहीं लग रहा है। इसके बावजूद शिकायतकर्ता को जबरन साढे पांच हजार का बिल थमा दिया गया और अस्पताल से घर जाने को कहा गया । मजेदार और आश्चर्यजनक बात यह है कि शिकायतकर्ता का इलाज एकमे थ्री डी अस्पताल में किया गया और उन्हें बिल दिया गया एड लाईफ अस्पताल का और ऑन लाईन पेमेन्ट ली गयी एड हिल्स नामक अस्पताल के नाम से। मतलब इलाज एक अस्पताल में हुआ और बिल दूसरे अस्पताल के नाम पर बनाया गया तथा पेमेन्ट ली गयी तिसरे अस्पताल के नाम पर । इस मामले की जांच कर अस्पताल पर मामला दर्ज करने की मांग शिकायतकर्ता ने की है।