यह कैसी शिक्षा नीति है महाराष्ट्र सरकार की?
सर्व शिक्षा अभियान पर भी सवालिया निशान !
(कर्ण हिन्दुस्तानी)
महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार के सभी काम लगभग ठीक चल रहे हैं मगर शिक्षा मंत्रालय अपनी मनमानी नीतियों की वजह से बदनाम हो चुका है। महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े को शिक्षा मंत्रालय का क ख ग ना पता होने की वजह से आज की तारीख में शिक्षा मंत्रालय पूरी तरह से भू माफियाओं की रखैल बन कर रह गया है।
महाराष्ट्र में इन दिनों भवन निर्माताओं की बखूबी चल रही है। जगह जगह कई एकर भूखंड औने- पौने दाम में खरीद कर उन भूखंडों पर कई मंज़िला इमारतें खड़ी की जा रही हैं। इन आवासीय संकुलों को बेचने के लिए भवन निर्माता लॉबी तरह तरह के प्रलोभन नागरिकों को दे रही है।
जिसमें इस आवासीय संकुलों में अस्पताल , मॉल , मंदिर , जिम और साथ ही स्कूल भी खोले गए हैं। इन स्कूलों में बच्चों के खेलने के लिए बड़े मैदान की व्यवस्था भी की जाती है। चूँकि इन भवन निर्माताओं के पास पहले से ही थोक के भाव भूखंड हैं तो इनको एक – दो एकर भूखंड बच्चों के खेलने के लिए आरक्षित रखने में कोई दिक्क्त नहीं आती है। मगर इनकी वजह से वह सभी छोटे स्कूल के संचालक और छोटे स्कूलों में पढ़ाने वाली सैंकड़ों शिक्षिकाएं बे रोज़गारी की कगार पर पहुँच गई हैं। क्योंकि इन भवन निर्माताओं के दवाब की वजह से सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू कर हर शिक्षण संस्थान को एक एकर भूखंड बच्चों के खेलने के लिए उपलब्ध होना अनिवार्य कर दिया है।
अब सवाल यह उठता है कि इस नीति से फायदा किसको होगा ? फायदा होगा उन शिक्षण संस्थानों को जो शिक्षा को विक्री का माध्यम बना चुकीं हैं और उनका व्यवसाय ही बड़ी – बड़ी फीस लेकर शिक्षण संस्थानों के नामपर अपनी तिजोरी भरना है। जबकि राज्य भर में ऐसे शिक्षण संस्थानों की संख्या ज्यादा है , जहां गरीब और माध्यम वर्ग के बच्चे शिक्षा ले रहे हैं।
ऐसे शिक्षण संस्थानों के पास एक एकर भूखंड है ही नहीं। तो क्या ऐसे शिक्षण संस्थान बंद कर दिए जाएं और सर्व शिक्षा अभियान को तिलांजलि दे दी जाए ? महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े इस ओर ध्यान कब देंगे ? क्या विनोद तावड़े को गरीबों के बच्चों की शिक्षा से चिढ़ है ? आखिर शिक्षण मंत्रालय कैसे नए नए शिक्षण संस्थानों को मंज़ूरी दे रहा है और पुराने शिक्षण संस्थानों को महज इस लिए टाला लगवाना चाहता है क्योंकि उनके पास सरकार की नई नीति के तहत एक एकर भूखंड नहीं है ?
शिक्षा मंत्री ने यदि इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया तो महाराष्ट्र में सर्व शिक्षा अभियान के कार्यालय पर ताला लगा नज़र आएगा और इसके ज़िम्मेदार शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ही होंगे।