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पुलिस बल जांच में ढिलाई न बरते ! – हिन्दू विधिज्ञ परिषद

ठाणे के ‘शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान’के धारकरी श्री. अनंत करमुसे को राज्य के गृहनिर्माण मंत्री श्री. जितेंद्र आव्हाड के बंगलेपर ले जाकर उनके साथ मारपीट की गई । इस  प्रकरण में ठाणे में अपराध प्रविष्ट किया गया है । इस संदर्भ में  जितेंद्र आव्हाड ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि ‘जब यह घटना घटी, तब मैं सोलापुर की यात्रा पर था’, ‘यह युवक मेरे संदर्भ में पिछले 3 वर्षों से पोस्ट कर रहा था’, ‘इस संदर्भ में क्या हुआ है, इसकी मुझे जानकारी नहीं है ’ । साथ ही जानकारी मिली है कि आव्हाड ने शिकायत की है कि उन्हें धमकी मिली है कि ‘तुम्हारा दाभोलकर करेंगे ।’,इस समाचार की सत्यता कीजांच होना आवश्यक है । कुल मिलाकर महाराष्ट्र राज्य को अस्वस्थ करनेवाली इन घटनाआें की निष्पक्ष और शीघ्रता से जांच होनी चाहिए; परंतु  आव्हाड मंत्री हैं; इसलिए  पुलिस प्रशासन को इस प्रकरण की जांच में ढिलाई नहीं बरतनी चाहिए । ऐसा हिन्दू विधिज्ञ परिषद के अध्यक्ष अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर ने प्रतिपादित किया है ।

अधिवक्ता इचलकरंजीकर ने आगे कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार जनप्रतिनिधियों के अभियोग चलाने हेतु विशेष न्यायालय कार्यरत हैं । अतः प्रस्तुत प्रकरण जांच के पश्‍चात विशेष शीघ्रगति न्यायालय में जाना आवश्यक है । जिस प्रकार आजाद मैदान दंगे में सहभागी दंगाइयों को अभी तक दंड नहीं मिला है, उसी प्रकार इस प्रकरण में न हो । इस घटना और उसके निर्णय की ओर महाराष्ट्र की जनता का ध्यान केंद्रित है ।

अभी तक का यह अनुभव है कि जिन प्रकरणों में जनप्रतिनिधियों का सहभाग होता है, उनकी  जांच में जानबूझकर ढिलाई बरती जाती है ॥ जनता के मन में संदेह है कि इस प्रकरण में मंत्री ही आरोपी होने के कारण इसकी जांच निष्पक्ष होगी अथवा नहीं ।  अधिवक्ता इचलकरंजीकर ने इस प्रकरण के अन्वेषण के संदर्भ में अनेक सूचनाएं देते हुए मांग की है कि  श्री. करमुसे की सोसाइटी अथवा आस-पास  के स्थानोंपर स्थित सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की जांच हो, उन्हें किस गाडी से ले जाया गया, उन गाडियों ने लॉकडाऊन होते हुए भी किस से अनुमति ली थी, मंत्रीमहोदय के बंगले के बाहर तथा उसके आस-पासके सीसीटीवी कैमेरों के फुटेज की जांच की जाए, उनके पास आए प्रत्येक व्यक्ति और वाहन की प्रविष्टि की जांच हो । मंत्री जितेंद्र आव्हाड, उसके साथ ही उनके बंगले में उपस्थित पुलिसकर्मी, नौकर, कार्यकर्ता, साथ ही शिकायतकर्ता श्री. करमुसे और उनके पत्नी के कॉल रेकॉर्डसतथा मोबाईल के लोकेशन की जांच हो, मंत्रीमहोदय जिस क्षेत्र में यात्रा कर रहे थे, उस क्षेत्र में स्थित टोलनाकों पर स्थित सीसीटीवी फुटेज और उनकी रसीदों की जांच की जाए, करमुसे को साथ लेकर घटनास्थल का पंचनामा किया जाए, पुलिस की कौनसी गाडी करमुसे को लेकर गई, उन्हें क्या बोलकर ले जाया गया, क्या स्टेशन डायरी  में उसकी प्रविष्टियां की गईं; इन सभी बातों की जांच होना आवश्यक है । साथ ही इस प्रकरण के सभी उत्तर न्यायदंडाधिकारी के सामने प्रविष्ट किए जाएं ।

 

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