शायद रविंद्र चौहान नितेश राणे को डोंबिवली के संघनिष्ठ भाजपाई समझे थे, मुंह की खानी पड़ी
राज्य में महत्वपूर्ण मंत्री पद, सिंधुदुर्ग जिला के पालक मंत्री और डोंबिवली से पिछले तीन सत्र से विधायक रविंद्र चौहान शायद कोंकण के दिग्गज नेता नारायण राणे के पुत्र निलेश राणे को भी डोंबिवली के संघनिष्ट भाजपाई समझने की भूल कर बैठे और यही उनकी सबसे बड़ी गलती साबित हुई है। इस पूरे प्रकरण में राज्य नेतृत्व ने उन्हें जमकर लताड लगाई है, और स्थानीय स्तर पर निलेश राणे के राजनैतिक कार्यक्षेत्र में कोई भी दखल नहीं देने की सख्त हिदायत प्रदेश नेतृत्व ने रविन्द्र चौहान को दी है।
मूल रूप से सिंधुदुर्ग जिले के निवासी रविंद्र चौहान ने राजनीति तो डोंबिवली से शुरू की लेकिन बढ़ते प्रभाव के साथ उन्होंने अपना कार्य क्षेत्र सिंधुदुर्ग में भी फैला दिया है और इस बार राज्य में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में स्थापित राज्य सरकार में उन्हें पालघर के साथ सिंधुदुर्ग जिले के पालक मंत्री का भी पद मिला है
यह मौका उनके लिए बेहद सुनहरा माना जा रहा था और पिछले 1 वर्ष के राज्य सरकार के कार्यकाल में रविंद्र चौहान ने सिंधुदुर्ग जिले के विभिन्न विकास कार्यों पर ध्यान देने के साथ वहां के स्थानीय स्तर के भाजपा संगठन पर भी ध्यान देना शुरू किया।
अभी पिछले दिनों ही भाजपा संगठन के जिला स्तरीय व मंडल स्तरीय चुनाव संपन्न हुआ है स्थानीय सूत्रों के अनुसार रविंद्र चौहान ने इस दौरान भी संगठन में अपने अनेक समर्थकों को स्थान देने का काम किया।
लेकिन रविंद्र चौहान यह भूल गए की उनकी इन क्रियाकलापों पर यहां से पूर्व सांसद निलेश राणे की पैनी नजर है और वे मौके का इंतजार कर रहे है और उन्होंने मौका देख कर ऐसा पलटवार किया कि भाजपा शीर्ष नेताओं को इस मामले में हस्तक्षेप कर रविंद्र चौहान को सख्त हिदायत दी गई की निलेश राणे के राजनैतिक कार्यक्षेत्र में किसी भी तरह का हस्तक्षेप ना हो।
पूरे कोकण क्षेत्र में नारायण राणे का नाम यहां के सबसे प्रभावशाली नेताओं में लिया जाता है। इस मामले में नारायण राणे के पुत्र और पूर्व सांसद नितेश राणे ने बिना कोई हो हल्ला किए और किसी भी नेता पर कोई आरोप प्रत्यारोप न करते हुए सीधे राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर दी इस घोषणा का असर पूरे सिंधुदुर्ग जिले में हुआ,
सैकड़ो निलेश राणे समर्थकों ने सिंधुदुर्ग जिले से लेकर मुंबई तक जोरदार प्रदर्शन किया, इस्तीफा भी दिए जिससे महाराष्ट्र भाजपा प्रदेश इकाई सकते में आ गया प्रदेश इकाई द्वारा स्थानीय स्तर पर की गई जांच पर उन्हें कुछ सच्चाई पता चली इसीलिए यहां के पालक मंत्री रविंद्र चौहान को जाकर निलेश रानी को मनाने वह किसी भी तरह उन्हें राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास लाने का निर्देश दिया गया।
बुधवार सुबह उपमुख्यमंत्री फडणवीस के साथ रविंद्र चौहान और नितेश राणे की मुलाकात हुई और उस मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए रविंद्र चौहान ने यह साफ कहा की सिंधुदुर्ग में अब आगे से निलेश राणे को शिकायत का मौका नहीं दिया जाएगा उनकी बातों को प्राथमिकता से सुनी जाएगी पूरे पत्रकार परिषद में नितेश राणे ने पत्रकारों से कोई बात नहीं की।
ज्ञात हो कि रविंद्र चौहान ने अपनी राजनीतिक जीवन आज से ठीक 24 25 साल पहले शुरू की थी। भाजपा डोंबिवली पूर्व मंडल उपाध्यक्ष से शुरू उनके राजनीतिक जीवन में नगर सेवक से स्थाई समिति सभापति और फिर डोंबिवली के संघ निष्ठ भाजपाई हरिशचंद्र पाटील का टिकट काटकर उन्हें डोंबिवली से विधायक बनने का भी मौका तुरंत मिल गया।
इसमें एक बात का जिक्र करना आवश्यक है कि रविंद्र चौहान ने अपने भाजपा मंडल उपाध्यक्ष से राज्य सरकार के प्रमुख सार्वजनिक निर्माण मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय का मंत्री बनने का सफर अनेक उतार चढ़ाव भरा रहा है।
उस दौरान के कल्याण डोंबिवली भाजपा नेतृत्व को एक दबंग चेहरे की आवश्यकता थी क्योंकि उस समय हरिशचंद्र पाटील डोंबिवली से विधायक थे उन्हें मात देने के लिए यहां के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने रविंद्र चौहान को आगे आगे किया।
क्योंकि रविंद्र चौहान शुरुआत से ही दबंग व्यक्तित्व के रूप में जाने जाते रहे हैं नाम और पहचान के अनुसार ही रविंद्र चौहान ने आगे बढ़ने के लिए साम दाम दंड भेद वाली सभी नीतियां अपनाई और एक तरह से भाजपा के स्थानीय नेतृत्व पर पूरी तरह से प्रभुत्व जमा लिया। और प्रदेश स्तर के नेताओं की शह पर उन्होंने 25 सालों से कल्याण जिला भाजपा में अपनी हुकूमत चला रहे हैं।
कल्याण जिला भारतीय जनता पार्टी पर रविंद्र चौहान का प्रभुत्व इसी से समझा जा सकता है की जिले भर के मंडल अध्यक्ष बनने के लिए सबसे बड़ी योग्यता सिर्फ और सिर्फ रविंद्र चौहान के वफादार होना एकमात्र है, संघनिष्ठ पृष्ठभूमि वाले भाजपाई घर पर बैठ गए है। इस मामले में स्थानीय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इकाई भी कभी हस्तक्षेप करने की हिम्मत नहीं कर पाता है।
तीन चार महीने पहले संपन्न भाजपा संगठन के चुनाव में अनेक वर्षों के बाद भाजपा की मुख्य धारा के कार्यकर्ता नरेंद्र सूर्यवंशी को कल्याण जिला भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया है जिससे कल्याण पूर्व, पश्चिम जैसे क्षेत्रों में भाजपा मंडल अध्यक्षों के चेहरे बदले हैं लेकिन संघ निष्ठों की राजधानी माने जाने वाली डोंबिवली भाजपा मंडलों की स्थिति जस की तस है।