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कल्याण रेलवे जंक्शन पर अब नही मिलेगा गरम खाना, भोजनालय में लगा ताला

कल्याण रेलवे स्टेशन के सुशोभीकरण का सबसे बड़ा असर स्टेशन पर स्थित खानपान विभाग पर पड़ रहा है। रेलवे प्रबंधन ने बिना कोई वैकल्पिक व्यवस्था किए पहले 5 नंबर प्लेटफार्म से खानपान विभाग हटाकर बाहर 1 नंबर प्लेटफार्म पर कर दिया गया और फिर अब इसे भी प्रशासन ने बिना किसी पूर्व सूचना के बंद करवा दिया गया।

रेल्वे प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार यहा के खानपान के स्टाल के ठेकेदार की मृत्यु काफी समय पहले हो गई है इसलिए इसका लाइसेंस रद्द किया जा रहा है और रेलवे प्रशासन के मानक दिशा निर्देशों पर वह खरा नहीं उतर रहा है। रेल्वे प्रशासन ने यही कारण बता कर सख्ती बरतते हुए इन्हें बंद किया गया है।

जबकि उक्त खानपान स्टाल संचलको के अनुसार रेलवे प्रशासन जानबूझकर पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रखी है उनके अनुसार यह मानक दिशा निर्देश केवल कल्याण में ही क्यों देखा जा रहा है, यह समझ से बाहर है।

उनके अनुसार मध्य रेलवे के मुंबई मंडल के बहुत सारे स्टेशनों पर स्थित खानपान विभाग के स्टाल के ठेकेदार कोई और है और चला कोई और रहा है। और इसकी पूरी जानकारी रेलवे वरिष्ठों को है।

बावजूद इसके रेलवे प्रशासन पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाते हुए सिर्फ कल्याण स्टेशन के खानपान स्टालों पर कारवाई कर रही है। जिसका असर जरूरतमंद रेलकर्मी और उन रेलयात्रियों पर पडे़गा जिन्हें 24 घंटे कभी भी स्टेशन पर ही अच्छा और सस्ता खाना मिल जाता था।

रेल्वे प्रशासन का यह कदम अनेक स्थानीय नागरिक गैरजिम्मेदाराना भी मन रहे है क्योंकि इस खानपान स्टॉल को बंद करने के कारण कुछ भी हो लेकिन रेलवे को यदि यह खानपान गृह बंद करना था तो कोई वैकल्पिक व्यवस्था करना जरूरी था।

ज्ञात रहे कुछ दिन पहले ही रेल प्रशासन ने सभी स्टॉलों पर गैस चूल्हे के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया और इलेक्ट्रिक हिटर की अनुमति दी। बाद में स्टॉल पर हीटर का प्रयोग करने से उन्हें यात्रियों की जान को खतरा नजर आने लगा तो उन्होंने स्टाल पर उसके प्रयोग पर भी प्रतिबंध लगा दिया।

इस बारे में भी प्रशासन का कहना है कि हिटर के उपयोग से शॉर्ट सर्किट होकर आग लगने की संभावना है। तो क्या शॉर्ट सर्किट केवल हीटर से ही होता है या अन्य उपकरणों से भी होता है।

ऐसे में तो रेल परिसर में एसी और लाइट से भी शॉर्ट सर्किट हो सकता है तो क्या ये सारे उपकरण भी हटा दिए जायेंगे। उत्तर होगा : नहीं। क्योंकि प्रशासन के मन में कुछ और चल रहा है।

रेल्वे प्रशासन ने जिस तरह कल्याण रेलवे स्टेशन पर जिस तरह प्लेटफार्म नंबर 1 पर सैलून खुलवाया है उसी तरह यहा हर तरफ पाश्चात्य तरीके के बर्गर पिज्जा जैसी कंपनियों को वे लाना चाहते हैं।

रेल्वे के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि वरिष्ठ रेल अधिकारी बड़े पैमाने पर यह ठेके बड़ी कंपनियों को देना चाहती है जिससे रेलवे की आय के साथ साथ वरिष्ठ अधिकारियों की आय मे भी इजाफा होगा, जबकि हर जगह नुकसान यात्रियों का ही होगा, इन परिस्थितियों में कल्याण स्टेशन पर यात्रियों को ना तो गरम खाना मिलेगा और ना ही ताजा। अब जो खाना मिलेगा सब मंहगा और रखा हुआ।