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कल्याण लोकसभा सीट पर मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने भाजपा का खेल बिगाड़ दिया

राजेश सिन्हा

गत 19 मार्च को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे अपने पुत्र और महाराष्ट्र नवनिर्माण विद्यार्थी सेना प्रमुख अमित ठाकरे के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले थे। इस मुलाकात के बारे में जहां भाजपा के अनेक राज्य स्तरीय नेताओं ने यह दावा किया था कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे को टक्कर देने में राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कम पर रहे हैं और उद्धव ठाकरे के विरुद्ध राज ठाकरे को शिवसेना की कमान सौप कर आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने की योजना है।

भाजपा नेताओं के इस दावे के अनुसार राज ठाकरे के महायुती के फ्रंट फुट पर चुनाव प्रचार में उतरने पर निश्चित ही राज्य में महायुती के उम्मीदवारों का पलड़ा भारी हो जाएगा। मनसे प्रमुख राज ठाकरे द्वारा इन प्रस्तावों पर चुप्पी साधते हुए वेट एण्ड वाच की भूमिका मे आ गए है।

वहि राजनैतिक विश्लेषक मनसे प्रमुख को आगे करने के भाजपा नेताओ के प्रयास को, ठाणे और कल्याण मे से एक सीट हथियाने की रणनीति के तहत भाजपा की मुख्यमंत्री शिंदे पर दबाब बनाने की रणनीति मान रहे है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दो दिन पूर्व ही शिवसेना के आठ लोकसभा उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है। भले ही भाजपा के दवाव मे इस लिस्ट में ठाणे और कल्याण के उम्मीदवारों के नाम नहीं हैं, लेकिन यह दोनों सेट शिवसेना किसी भी हालत में छोड़ने को तैयार नहीं है।

ज्ञात होकि ठाणे और कल्याण लोकसभा में से कल्याण लोकसभा सीट अपने पाले में करने के लिए शुरुआत से ही भाजपा एडी चोटी का जोर लगा रही है। लेकिन शिवसेना प्रमुख और राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे किसी भी हालत में यह दोनों सीट पर शिवसेना के ही उम्मीदवार उतारने पर अडीग है ।अब लोकसभा चुनाव की घोषणा हो गई है उम्मीदवारों के भी नाम की घोषणा हो रही है।

लेकिन भाजपा के दबाव तंत्र के अनेक प्रयास के बावजूद अभी भी एकनाथ शिंदे यहां से शिवसेना के ही उम्मीदवार उतारने के अपने निर्णय पर अड़े हुए हैं। उन्होंने भाजपा के राज्य स्तरीय नेतृत्व के साथ केंद्रीय नेतृत्व को भी यह साफ-साफ शब्दों में चेता दिया है की वह किसी भी हालत में यह दोनों में से एक भी सीट भाजपा को नहीं देंगे।

राजनीतिक हलकों में यह चर्चा है कि भाजपा ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर दबाव बनाने के राजनीति के तहत ही मनसे प्रमुख राज ठाकरे को दिल्ली बुलाकर भाजपा के फायर ब्रांड नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करवाई गई। शायद अमित शाह ने भी उन्हें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की जगह शिवसेना की कमान संभालने का आग्रह किया।

लेकिन मनसे प्रमुख के मुंबई आने के तुरंत बाद मनसे के अनेक पदाधिकारी ने सोशल मीडिया पर लोकसभा चुनाव में तत्काल मनसे की भूमिका “बेट एंड वॉच” की होने का फोटो शेयर किया है। जिससे यह साफ हो गया कि लोकसभा चुनाव में मनसे की सहभागिता पर निर्णय में विलंब होगा।

शिवसेना सूत्रों के अनुसार मनसे प्रमुख राज ठाकरे के दिल्ली दौर से वापस आने के बाद जब उन्हें शिवसेना की बागडोर सौंपने की कवायत भाजपा नेताओ द्वारा जोर शोर से हो रही थी, तो इस दौरान एक शिवसेना नेता (शायद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ही) ने मनसे प्रमुख से बात की, और उन्हें अपनी पार्टी की स्थिति स्पष्ट करते हुए भाजपा के इस गंदे खेल की सविस्तार से जानकारी दी। और आग्रह किया कि यह दोनों लोकसभा सीट पर दोनों में दलों में निर्णय हो जाने के बाद ही आप कोई भी निर्णय सार्वजनिक करो।

मनसे प्रमुख भी शुरुआत से ही भाजपा के राज्य में अपने पार्टी विस्तार के लिए किये जा रहे सही और गलत कार्यों पर बारीकी से नजर रखते आ रहे हैं और ठाणे और कल्याण लोकसभा सीट पर असली हक तो शिवसेना का ही है इसी हकीकत को समझते हुए राज ठाकरे ने भाजपा नेतृत्व के साथ सार्वजनिक रूप से अपने दल द्वारा “वेट एंड वॉच” की स्थिति में रहने का सार्वजनिक रूप से निर्णय लिया है