कोलसेवाड़ी पुलिस ने आर्म्स एक्ट के मामले को एनसी बता एफआईआर लेने से किया इंकार
कल्याण की सबसे भ्रष्ट पुलिस कोलसेवाड़ी ने बुधवार को एक और शाबाशी भरा काम किया है। आर्म्स एक्ट के एक मामले को सिर्फ एनसी का बताकर एफआईआर लेने से इंकार कर दिया। हालांकि घटना का एक चश्मदीद गवाह भी है और घटनास्थल का शुरू में मुआयना करने गए पुलिसकर्मी मानते हैं कि घटना सच में हुई है।
कल्याण (पूर्व) के वैष्णवी पार्क इमारत में रहने वाले अभय पांडेय को उनकी इमारत के गेट पर बुधवार रात 9 बजे के करीब मोटरसाइकिल से आये दो लोगों ने रिवाल्वर दिखाकर धमकाया। उन्होंने कहा- “जो तू कर रहा है बंद कर दे।” पांडेय ने फोन पर इसकी सूचना कोलसेवाड़ी पुलिस को दी। दो पुलिसकर्मी वैष्णवी पार्क इमारत आये। चारों तरफ तफ्तीश करने के बाद वे पांडेय को लेकर पुलिस थाने गए। पांडेय के साथ उनके दो पत्रकार मित्र (एक सुशील सिंह) भी थे। वैष्णवी पार्क आये दो में से एक पुलिसकर्मी ने पत्रकारों के सामने ड्यूटी ऑफिसर को बताया कि, “इनकी घटना सच है।
सीनियर को बताकर इनकी शिकायत दर्ज कर लो।” सबसे पहले तो एक-एक कर सभी सिपाहियों ने पांडेय से घटना की कहानी सुनी। एक सिपाही ने पांडेय से पूछा कि क्या तुम आरोपियों को पहचानते हो। पांडेय ने कहा- “नहीं पहचानता। साहब अगर में पहचानता तो नामजद शिकायत करता।” यह बात उस सिपाही को बुरी लग गयी। उसने इस बात पर व्याख्यान (लेक्चर) दे डाला कि “यह सवाल पूछना उसका फ़र्ज़ है। उसकी ड्यूटी है।”
इसके बाद रात पौने बारह बजे उपनिरीक्षक जीएस आह्वाड ‘प्रकट’ हुए। आते ही उन्होंने आकाशवाणी कर दी कि “सीनियर से उनकी बात हुयी है। आपकी घटना सच नहीं है। इसलिए सिर्फ एनसी दर्ज करूंगा। और एनसी में भी रिवॉल्वर वाली घटना का जिक्र नहीं करूंगा।” पांडेय ने आह्वाड को धन्यवाद दिया और पुलिस स्टेशन से रात 12.15 बजे वापस आ गए।
पांडेय ने कहा कि वे अब एफआईआर दर्ज नहीं करेंगे। सीनियर इंस्पेक्टर (पता नहीं कौन है, जो भी होगा) और जीएस आह्वाड पर कार्रवाई की मांग को लेकर शिकायत करेंगे।