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कल्याण लोकसभा: एकनाथ शिंदे के सामने भाजपा की एक न चली

राज्य में 21 महीने पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के कब्जे से बहुसंख्यक विधायकों को अपने पक्ष में करते हुए शिवसेना पर अपना कब्जा जमा लिया और भाजपा की मदद से राज्य के मुख्यमंत्री की शपथ ली.

इस दौरान शायद भाजपा नेतृत्व को यह अंदेशा था कि अब एकनाथ शिंदे भाजपा के इशारों पर नाचेंगे, यानी भाजपा जैसा चाहेगी वैसा ही एकनाथ शिंदे करेंगे।

मुख्यमंत्री बनने के बाद एकनाथ शिंदे अपनी हर सभा या पत्रकार परिषद में केंद्र सरकार के साथ, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुणगान करते दिखे. राज्य में भी पिछली महा आघाडी सरकार मे रुकी बुलेट ट्रेन जैसे विभिन्न प्रोजेक्ट दुबारा शुरू करवाकर भाजपा के आदेशों का पालन करते दिखे।

लेकिन भाजपा द्वारा शिवसेना पार्टी या संगठन को कम आंकने के किसी भी प्रयास को मुख्यमंत्री शिंदे ने अपनी सूझबूझ और दूरदर्शिता से ना सिर्फ नहकार दिया बल्कि शिवसेना संगठन को मजबूती देने के लिए निरंतर प्रयासरत है .जिससे भाजपा नेतृत्व की अनेक स्वार्थी प्रयास पर लगातार मुह की खानी पडी है।

भाजपा के वरिष्ठ सूत्रों के अनुसार भाजपा नेतृत्व एकनाथ शिंदे से कल्याण लोक सभा सीट हथियाना चाहती थी और उनके बेटे को डॉक्टर श्रीकांत शिंदे को ठाणे लोकसभा सीट से चुनाव लड़वाने की योजना पर जोर-जोर से काम कर रही थी। कल्याण लोकसभा सीट से अनेकों बार डोंबिवली से विधायक और राज्य मे मंत्री रवींद्र चौहान के इच्छुक होने कि चर्चा जोर शोर से चली।

और इसी योजना के तहत अनेक भाजपा वरिष्ठ नेताओं का कल्याण लोकसभा पर भाजपा की दावेदारी दिखाना, भाजपा कल्याण लोकसभा सीट पर बेहद गंभीर है यही दिखाने के लिए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का तीन-चार बार पर्यवेक्षक के रूप में कल्याण आना जैसे अनेक प्रयास दिखलाते है कि कल्याण लोकसभा सीट हड़पने के लिए भाजपा कितनी गंभीर थी।

लेकिन भाजपा के गंदे खेल को राजनीति के मजे हुए खिलाड़ी की तरह सभी परिस्थितियों को जानने के बावजूद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस पर ना तो कभी नाराजगी वाली प्रतिक्रिया दी, नाहीं भाजपा के प्रति कोई नाराजगी जाहिर की. वे बस अपने संगठन को मजबूती देने के काम में जोर-जोर से लगे रहे ।

और इसी का परिणाम है कि दो दिन पूर्व डोंबिवली मे आयोजित महायुती के कार्यकर्ताओ कि जनसभा मे सार्वजनिक रूप से डा श्रीकांत शिंदे कि कल्याण लोकसभा सीट से महायुती की उम्मीदवारी की घोषणा की गई।

One thought on “कल्याण लोकसभा: एकनाथ शिंदे के सामने भाजपा की एक न चली

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