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रेलवे मंत्रालय के हस्तक्षेप के बावजूद मध्य रेलवे प्रशासन का गैर- जिम्मेदाराना रवैया

कल्याण रेलवे मंडल अस्पताल के डॉक्टरों के ट्रांसफर की लगातार शिकायतें थी। इसके साथ सुबह के स्विफ्ट वाले डॉक्टरों को दोपहर और नाइट शिफ्ट में बुलाए जाने से यहां सुबह आने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।

कल्याण मंडल रेलवे अस्पताल के इन्हीं अनियमितताओं मैं सुधार के लिए अनेक रेलकर्मीयो के साथ सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ भी अपने स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों पर दबाव बनाए हुए था।

इन्हीं अनियमितताओं के विरुद्ध “मुंबई आसपास” में भी अनेक खबरें लगाई गई। और उक्त खबर को “मुंबई आसपास” के टि्वटर हैंडल से केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव, रेलवे मंत्रालय, जीएम सेंट्रल रेलवे, डीआरएम सेंट्रल रेलवे, को टैग किया गया।

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मुंबई आसपस द्वारा गत 22 जून को शाम 4:25 पर किए गए ट्वीट का जवाब रेलवे मंत्रालय के तरफ से सक्रिय टि्वटर हैंडल @railseva की तरफ से आया।

जिसमें जीएम सेंट्रल रेलवे और सेंट्रल रेलवे डीआरएम को टैग कर इस मामले की जांच कर उचित निर्णय लिए जाने का निर्देश जारी किया गया।

संयोगवश 22 जून को ही सेंट्रल रेलवे की परमानेंट नेगोशिएटिंग मशीनरी (PNM) की मीटिंग अनिल कुमार लाहौटी जीएम सेंट्रल रेलवे की अध्यक्षता में थी।

इसी मीटिंग में सेंट्रल रेलवे के एजीएम दादा भोय कल्याण मंडल रेलवे अस्पताल के फिजिशियन डॉक्टर सतीश के स्थानांतरण पर 2 महीने के लिए रोक लगाने की जानकारी उपस्थित सदस्यों को दी।

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यहां यह जिक्र करना अनिवार्य है कि देशभर के रेलवे कर्मियों के विभिन्न मांगों को पूरा करवाने के लिए रेलवे प्रशासन से आमने सामने की लड़ाई लड़ने वाले सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ के पदाधिकारी भी इस पीएनएम मीटिंग में उपस्थित थे।

जिसमे सीआरएमएस अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद भटनागर, कार्यकारी अध्यक्ष अशोक चंगरानी, महासचिव प्रवीण बाजपेई, ऑफिस सेक्रेटरी वाई पी शर्मा, मुंबई मंडल अध्यक्ष विवेक सिसोदिया, मंडल सचिव श्री अनिल दुबे भी उपस्थित थे।

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सीआरएमएस की तरफ से कल्याण मंडल रेलवे अस्पताल में डॉक्टरों के स्थानांतरण रोकने की मांग महीनों से की जा रही थी।

और रेलवे प्रशासन ने इसे दो महीने के लिए बढ़ाए जाने पर सीआरएमएस नेता गण रेलवे प्रशासन के इस निर्णय से पूरी तरह से असंतुष्ट दिखे।

उनके अनुसार रेलवे प्रशासन का यह निर्णय बेहद गैर जिम्मेदाराना है, कल्याण मंडल रेलवे अस्पताल के सीएमओ इसी वर्ष सितंबर माह में रिटायर होने वाले है

और रेलवे प्रशासन उन्हें रिटायरमेंट के बाद भी यही पदस्थापित करने के योजना के तहत यहां के डॉक्टरों का तबादला कर रहा है।

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सीआरएमएस नेताओं के अनुसार रेलवे प्रशासन को कल्याण मंडल रेलवे अस्पताल में आने वाले हजारों मरीजों की अवस्था पर ध्यान देना चाहिए।

यहां आने वाले मरीजों को अच्छी से अच्छी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो ईसके लिए आवश्यक निर्णय लेना चाहिए।

जबकि रेलवे प्रशासन गंदी मंशा के साथ गैर जिम्मेदार ढंग से डॉक्टरों के तबादले में लगा हुआ है।

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