राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि सभी क्रांतिकारियों को उचित सम्मान दिया जाना चाहिए
मुंबई, दि. 22
महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने रविवार को यहां कहा कि देश के इतिहास में क्रांतिकारी नेताओं को बदनाम किया गया है, इस इतिहास के अन्याय को दुरुस्त करने और सभी क्रांतिकारियों को उचित सम्मान देने की जरूरत है. दादर स्थित स्वतंत्रतवीर नेशनल मेमोरियल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल बैस द्वारा स्वतंत्रतवीर सावरकर पुरस्कार वितरित किया गया. उस समय राज्यपाल बैस बोल रहे थे.
इस कार्यक्रम में स्वतंत्रता वीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के अध्यक्ष एवं महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिदेशक प्रवीण दीक्षित, कार्यकारी अध्यक्ष रंजीत सावरकर, कोषाध्यक्ष मंजिरी मराठे, कार्यकारी राजेंद्र वराडकर एवं कार्यवाहक स्वप्निल सावरकर उपस्थित थे.
राज्यपाल बैस ने कहा कि स्वतंत्रता वीर सावरकर समाज के शिल्पी थे, समाज में दोषों को दूर करने वाले सुधारक थे, जातिगत भेदभाव के खिलाफ लड़ने वाले योद्धा थे। स्वतंत्रता वीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक की यात्रा एक तीर्थ यात्रा है। इस अवसर पर विशेष रूप से याद दिलाया कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा 28 मई को स्वतंत्रतवीर सावरकर दिवस घोषित किया गया है और उसी दिन दिल्ली में नए संसद भवन का उद्घाटन किया जाएगा.
स्वतंत्रतवीर सावरकर शौर्य पुरस्कार- 2023 मेजर कौस्तुभ प्रकाश राणे (मरणोपरांत) को प्रदान किया गया। यह पुरस्कार उनकी मां ज्योति प्रकाशकुमार राणे ने स्वीकार किया। स्वतंत्रतवीर सावरकर विज्ञान पुरस्कार 2023 आई.आई.टी. कानपुर के निदेशक, प्रोफेसर अभय करंदीकर, को सम्मानित किया गया, जबकि स्वतंत्रतवीर सावरकर सामाजिक सेवा पुरस्कार – 2023 मैत्री परिवार, नागपुर को प्रदान किया गया। संस्थान की प्राचार्या माधुरी यावलकर, प्रो. प्रमोद पेंडके ने पुरस्कार ग्रहण किया।
रत्नागिरी के अधिवक्ता (वकील) प्रदीप (बाबा) चंद्रकांत पारुलेकर, प्रदीप (बाबा) चंद्रकांत पारुलेकर को सावरकर के विचारों का प्रचार और प्रसार करने वाले व्यक्ति या संगठन के लिए स्वतंत्रतविर सावरकर मेमोरियल पुरस्कार प्रदान किया गया।
कार्यक्रम की प्रस्तावना स्वतंत्रतवीर सावरकर मेमोरियल के कार्यकारी अध्यक्ष रंजीत सावरकर ने किया और संचालन श्रीराम केलकर ने किया। स्मारक के अध्यक्ष प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक प्रवीण दीक्षित ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
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