राज्य में राष्ट्रपति शासन की घोषणा
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम आकर 19 दिन हो गए इसके बावजूद राज्य में सरकार गठित नहीं हो सकी हैं. कल सोमवार शाम को महामहिम राज्यपाल भगत सिंह खंडूरी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को राज्य की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था लेकिन आज दोपहर को 12:30 बजे राकंपा नेतृत्व की तरफ से माननीय राज्यपाल को यह पत्र दिया गया जिसमें राकपा द्वारा सरकार गठन करने के लिए आवश्यक संख्या बल नहीं होने की जानकारी दी गई
शिवसेना राज्यपाल के निर्णय के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायलय पहुची
इसी आधार पर माननीय राज्यपाल ने देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की सिफारिश की थी और शाम 5:30 बजे राष्ट्रपति ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू होने की निर्णय की घोषणा की है
राज्य विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित हुए 19 दिन बीत जाने के बावजूद राज्य में सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना में चुनाव पूर्व गठबंधन होने के बावजूद मुख्यमंत्री पद के लिए जोरदार रस्साकशी जारी रही. सबसे अधिक संख्या होने के कारण जहां एक तरफ भाजपा पूरे 5 वर्ष अपने पास मुख्यमंत्री पद रखने की जिद पर अड़ी रही वहीं शिवसेना अपने लिए ढाई साल का मुख्यमंत्री पद की मांग के साथ लगातार बयानबाजी करती रही.
पिछले दो-तीन दिन राज्य की राजनीति में हर घंटे नए – नए समीकरण बनते और बिगड़ते दिखें. भाजपा नेतृत्व ने शिवसेना के अड़ियल रुख को देखते हुए 4 दिन पहले ही माननीय राज्यपाल से मिलकर अपना पक्ष रख चुका था, जिसमें आवश्यक संख्या बल नहीं होने के कारण भाजपा सरकार बनाने की स्थिति में नहीं होने की जानकारी माननीय राज्यपाल को दी गई थी.
इसके बाद राज्य की दूसरे नंबर की पार्टी शिवसेना को माननीय राज्यपाल ने सरकार बनाने के लिए आमंत्रण दिया था सोमवार शाम की समय सीमा के महज 1 घंटे पहले शिवसेना नेताओं ने राज्यपाल से मिलकर 3 दिन का अतिरिक्त समय मांगा. जिसे राज्यपाल ने अस्वीकार करते हुए राज्य की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को सरकार बनाने के लिए निमंत्रित किया.
आज मंगलवार दोपहर को राकपा नेताओं ने भी अपनी पास आवश्यक बहुमत नहीं होने की जानकारी का पत्र माननीय राज्यपाल को सौंप दिया और राज्यपाल के पास अन्य कोई विकल्प नहीं होने के कारण राष्ट्रपति के पास राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की सिफारिश भेजी. शाम 5:30 बजे राष्ट्रपति ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू होने के निर्णय की घोषणा की है
यहां यह उल्लेख करना आवश्यक है कि शिवसेना ने माननीय राज्यपाल के 3 दिन के समय नहीं दिए जाने के निर्णय के विरोध में उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और माननीय उच्चतम न्यायालय इस पर क्या फैसला लेता है इस पर सबकी नजर है